पटना । पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि डीजीपी का बचाव कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गया के उस पूर्व एसपी आदित्य कुमार का भी बचाव कर रहे हैं, जिस पर शराब माफिया से मिली-भगत का आरोप है।
श्री मोदी ने कहा कि जिस डीजीपी ने बिना फैक्ट -चेक किये 30 फर्जी फोन कॉल पर बात कर आदित्य कुमार को संरक्षण दिया, उसका अपराध क्या इस आधार पर क्षम्य हो जाता है कि उनके रिटायरमेंट में चंद महीने बचे हैं? अपराध से रिटायरमेंट का क्या संबंध है ?
उन्होंने कहा कि पुलिस मुख्यालय के कहने पर आदित्य कुमार के विरुद्ध दर्ज प्राथमिकी के बाबजूद दोषमुक्त करने और डीजीपी कार्यालय में पदस्थापित करने तक की कार्रवाई किसके दबाव में हुई? इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई ही कर सकती है।
श्री मोदी ने कहा कि अगर सरकार शराब माफिया से जुड़े आइपीएस आदित्य कुमार और उसे बचाने वाले डीजीपी के प्रति नरम है, तो क्या शराब संबंधी हल्के मामलों में बंदी बनाये गए हजारों लोगों के विरुद्ध भी मुकदमे वापस लिए जाएँगे?
उन्होंने कहा क्या आम आदमी और आइपीएस के लिए शराबबंदी कानून लागू करने का नजरिया अलग-अलग होना चाहिए ?
श्री मोदी ने कहा कि डीजीपी शुरू से ही आदित्य कुमार को बचा रहे थे। क्या यह सही नहीं कि डीजीपी ने आदित्य कुमार के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई बंद करने की भी सिफारिश की थी?