- आखिर नौकरी के साथ पढ़ाई क्यों करनी पड़ती है? इसके मुख्य रूप से 2 कारण हैं ।
- पहला वेतन और दूसरा वर्तमान नौकरी से असंतुष्ट होना और आगे सुधार की चाहत होना।
- ऐसे में काम और पढ़ाई दोनों में संतुलन बनाना बहुत जरूरी है, ताकि आप मानसिक और शारीरिक रूप से थकें नहीं और पूरे फोकस के साथ अपनी तैयारी जारी रख सकें।
क्या आप जानते हैं कि दुनिया के असली सुपरमैन और सुपरवुमन कौन हैं? यदि नहीं, तो आईये हम इन सुपरमेन/सुपरवुमेन को कौन समझते हैं। ये वो लोग होते हैं जो रोजगार के साथ-साथ किसी भी तरह की पढ़ाई करते हैं। यह बहुत ही मुश्किल काम है, जो हर किसी के बस की बात नहीं है।
आखिर नौकरी के साथ पढ़ाई क्यों करनी पड़ती है? इसके मुख्य रूप से 2 कारण हैं: पहला, वेतन और दूसरा मौजूदा नौकरी से असंतुष्ट होना और आगे सुधार की चाहत। यदि आप अपनी वर्तमान नौकरी को पसंद करते हैं, तो आप शायद ‘प्रतियोगी परीक्षा’ की तैयारी के बारे में नहीं सोचते। क्योंकि आप अपना भविष्य सुरक्षित और समृद्ध देखते हैं। हां, आप अपने क्षेत्र में पदोन्नति के लिए उच्च अध्ययन कर सकते हैं, लेकिन यह प्रतियोगी परीक्षा जितना कठिन नहीं है, क्योंकि यह आपके क्षेत्र का विषय है। आइए जानें कि इस कठिन संतुलन को कैसे बनाया जाए।
तालमेल
पढ़ाई और काम दोनों में संतुलन बनाना बहुत जरूरी है। यानी ऐसे सेक्टर में काम करके पैसे कमाने की कोशिश करें, जो आपको प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद करे। उदाहरण के लिए, यदि आप कर्मचारी चयन परीक्षा (एसएससी) की तैयारी कर रहे हैं, और इसके साथ-साथ गणित भी पढ़ते हैं, तो गणित पढ़ाने से आपको एसएससी की तैयारी में मदद मिलेगी। या यदि आप सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो संबंधित सामग्री विकास, ब्लॉग लेखन, विभिन्न कोचिंग कक्षाओं में नोट बनाने का काम करने से आपकी तैयारी को लाभ होगा और आय भी होगी।
स्पष्टता
देश में निजी क्षेत्र ओवरटाइम काम कराने के लिए कुख्यात है। ऐसे में अगर वह काम आपकी लंबी अवधि की योजना का हिस्सा नहीं है तो बेहतर होगा कि आप अपने ‘नियोक्ता’ को साफ-साफ बता दें कि आप कितने घंटे (4, 6 या 8 घंटे) काम कर सकते हैं। इसे स्पष्ट करने से नियोक्ता के लिए यह चुनना भी आसान हो जाता है कि आपको कौन सी जिम्मेदारियां सौंपी जाएं।
समय योजना:
अगर आप रोजगार के साथ-साथ परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो मान लें कि आपके पास तैयारी के लिए अन्य उम्मीदवारों की तुलना में कम समय है। इसलिए आपके लिए अपने समय की योजना बनाना बहुत जरूरी है। सबसे पहले, जितना अधिक समय आप अध्ययन के लिए निकाल सकते हैं, उतना अच्छा है, इसलिए अपनी तैयारी जल्दी शुरू करें। यानी अगर अन्य उम्मीदवार इस परीक्षा की तैयारी के लिए 8 महीने देते हैं तो आपको 16 महीने पहले से ही अपनी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। पाठ्यक्रम और पिछले वर्ष के प्रश्नपत्रों का अच्छी तरह से अध्ययन करें। इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ लें और इसकी साप्ताहिक समय सारिणी बना लें। एक डायरी रखें और ‘टू-डू लिस्ट’ बनाएं।
अपनी सीमाएं जानें:
अपने हुनर को पहचान कर ही काम करें। कम्फर्ट जोन को तोड़ना अच्छा है, लेकिन इसे ज़्यादा मत करो। कहने का मतलब यह है कि जितना वजन आप संभाल सकते हैं उतना ही उठाएं। यानी जो आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित न करें। अपनी सीमाओं को समझें और उनका सम्मान करें और सुनिश्चित करें कि आप जितना चाहते हैं उससे अधिक तनाव न लें। क्योंकि बीमार पड़ने पर नुकसान ज्यादा होगा।
समय का सदुपयोग करें:
टीवी, सोशल मीडिया, दोस्तों के साथ घूमने आदि जैसे समय बर्बाद करने से बचें। इसके अलावा, समय बचाने के रचनात्मक तरीके खोजें घर से काम करने के लिए आने के बीच का समय चीजों को फिर से देखने के लिए एकदम सही है। यह सोचते रहें कि कौन-से दो काम एक साथ किए जा सकते हैं जैसे कोई मशीनी काम करना जैसे वाशिंग मशीन चलाते समय ऑडियो बुक सुनना आदि। सप्ताहांत और अन्य छुट्टियों का भरपूर लाभ उठाएं।
विकल्पों पर काम करें:
यह भी विचार करें कि क्या पूर्णकालिक रोजगार आपके लिए आवश्यक है। क्या इसके बजाय कोई पार्ट-टाइम या साप्ताहिक नौकरी की जा सकती है जो आपकी आर्थिक ज़रूरतों को पूरा कर सके? यदि आपको ऐसा कोई विकल्प मिल जाता है, तो यह आपको परीक्षा की तैयारी के लिए अधिक समय देगा।
स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें:
शारीरिक और मानसिक दोनों रूप से स्वस्थ रहना जरूरी है। कम से कम 7 से 8 घंटे की नींद लें। इससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत होगा। आपकी याददाश्त को फायदा होगा और आपको तनाव से बेहतर तरीके से निपटने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, अपनी ऊर्जा को बनाए रखने के लिए स्वस्थ खाद्य पदार्थों पर ध्यान दें। 15 से 20 मिनट हल्का व्यायाम भी फायदेमंद हो सकता है।
तकनीक का लाभ उठाएं:
क्लास नोट्स आवश्यक हैं। हर एक शब्द लिखने से बचें। छोटे शब्दों और वाक्यों को लिखने का अपना तरीका खोजें। वॉयस रिकॉर्डर खरीदें या अपने मोबाइल फोन के वॉयस रिकॉर्डर का उपयोग करें। आप कक्षा की वॉयस रिकॉर्डिंग बना सकते हैं और उसे बाद में सुन सकते हैं।
आशा है कि ऊपर दिए गए टिप्स उन युवाओं के लिए उपयोगी होंगे जो नौकरी के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि ठान लिया जाए तो सब कुछ संभव है। उत्साह में होश न खोएं और काम और पढ़ाई में संतुलन बनाकर अपने लक्ष्य को पाने के लिए जी-जान से मेहनत करें।