चाचा शिवपाल के घर पहुंचे समाजवादी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मंत्रणा के बाद ऐसी खबरे आ रही है की शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के महासचिव बनाए जा सकते है। साथ ही साथ उनके पुत्र आदित्य यादव को भी पार्टी में एक मत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जाएगी। शिवपाल को यह जिम्मेदारी राज्य में सत्तारूण भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ आंदोलन को तेज करने के लिए दी जाएगी। इसके आलावा दोनों नेताओ की राज्य में अति पिछड़ों और दलितों को साथ लेकर पार्टी के विस्तार पर भी एकराय बनी।
गौरतलब है की मैनपुरी लोकसभा चुनाव जीतने के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी और समाजवादी पार्टी का आपस में विलय हो गया है। विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार सपा प्रमुख शाम को राजधानी लखनऊ में शिवपाल के घर पहुंचे। दोनों नेताओं के बची करीब 45 मिनट सियासी मंथन हुआ। पार्टी सूत्रों के अनुसार शिवपाल और आदित्य के अलावा कठिन समय में उनका साथ देने वाले नेताओं को भी पार्टी में शामिल करने में सहमति बनी है। इसी वजह से इस बार सपा की राष्ट्रीय और प्रदेश कार्यकारिणी में कुछ नए चेहरों को जगह मिल सकती है। सपा के थिंक टैंक का सोचना है की शिवपाल के नेतृत्व में पार्टी जिलेवार आंदोलन शुरू कर सकती है। पार्टी आने वाले निकाय चुनाव और वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अपनी दमदार उपस्तिथि दर्ज कराना चाहती है और उसके लिए शिवपाल सामने आना बहुत जरूरी है। वैसे भी पिछले दिनों शिवपाल कह ही चुके हैं की अखिलेश उनके भतीजे हैं और वे पूरे देश के नेता हैं।