पटना:जेडीयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की प्रदेश महासचिव शफक़ बानो ने प्रेस को जारी अपने बयान में कहा कि सियासी ज़िंदगी में आत्मकेंद्रित होते-होते अतिमहत्वाकांक्षी होना घातक होता है। इंसान को अपनी ताकत और वज़ूद का एहसास जरूर होना चाहिए, वरना गुमराह करनेवाले और सब्ज़बाग दिखनेवाले ढेरों मिलेंगे। सवाल सिर्फ अपनी कुर्सी और भविष्य का है तो कोई बात नहीं, फिक्र अगर हिन्दुस्तानी आवाम की होगी तो बहुत कुछ सोचना, सहेजना, संभालना, स्वीकारना, त्यागना होगा। गांधी, लोहिया, जेपी और नीतीश जैसे शख्सियत विरले ही हुआ करते हैं। आज विपक्षी एकजुटता देश की जरूरत है और सत्ता का परिवर्तन समय की मांग।
जेडीयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की प्रदेश महासचिव ने कहा कि फिरकापरस्त ताकतें अपने मंसूबों को कामयाब बनाने का कुचक्र रचती रहती हैं। आरसीपी हों, कुशवाहा हों, मांझी हों, यह सभी सिर्फ अपनी मफाद और महत्वाकांक्षा की वजह से भाजपा की तरफ खिसकते चले गए हैं। इन सबों का आज क्या हाल और हैसियत है, हमारी आवाम अच्छी तरह देख-समझ रही है। डोलते हुए मन में स्थिर और स्थायी भावना का निवास नहीं हो सकता। जिसे जहां जाना हो वह चला जाए, हमारी पार्टी या महागठबंधन को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है।
सफक़ बानो ने कहा कि नीतीश एक विचार हैं और नितीशिज़्म एक विचारधारा, जहां स्वप्न और संकल्प की बुनियाद पर आवाम की बेहतरी के रास्ते तलाशे जाते हैं। नीतीश जी ने पूरे मुल्क के सामने सर्वांगीण विकास की एक रूपरेखा प्रस्तुत की है, जो साझी विरासत को सँजोते हुए एक नज़ीर पेश करे। यह मुल्क नीतीश जी के प्रयासों को आज सकारात्मक नज़रों से देख रही है। आनेवाले चुनाव में विपक्षी एकता देश की वर्तमान हुकूमत को बदलने का काम करेगी।