बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को एक बड़ा झटका लगा है। कैमूर जिले की चर्चित मोहनिया विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन रद्द कर दिया गया है। चुनाव आयोग की इस कार्रवाई से तेजस्वी यादव की चुनावी तैयारियों को झटका लगा है और पार्टी में हलचल मच गई है।
सूत्रों के अनुसार, मोहनिया सीट से RJD उम्मीदवार के नामांकन पत्र में कुछ तकनीकी खामियां और जरूरी दस्तावेजों की कमी पाई गई थी। नामांकन जांच के दौरान निर्वाचन पदाधिकारी ने इन खामियों के आधार पर आवेदन को अमान्य घोषित कर दिया। इस फैसले के बाद RJD के स्थानीय नेताओं में नाराजगी के साथ-साथ निराशा का माहौल है।
मोहनिया सीट को इस बार तेजस्वी यादव के मिशन ‘बिहार बदलेगा’ के तहत अहम माना जा रहा था। RJD इस सीट पर अपनी मजबूत पकड़ बनाने की कोशिश में थी, क्योंकि पिछली बार यहां एनडीए उम्मीदवार ने मामूली अंतर से जीत हासिल की थी। पार्टी को उम्मीद थी कि इस बार मोहनिया में जातीय समीकरण और स्थानीय असंतोष की लहर उनके पक्ष में काम करेगी। लेकिन उम्मीदवार का नामांकन रद्द होने से पार्टी की रणनीति पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना RJD के लिए केवल एक सीट का नुकसान नहीं, बल्कि तेजस्वी यादव की संगठनात्मक सख्ती और तैयारी पर सवाल भी खड़े करती है। चुनाव जैसे महत्वपूर्ण मौके पर नामांकन में हुई तकनीकी चूक पार्टी के प्रबंधन पर भी सवाल उठाती है। वहीं, एनडीए खेमे में इस फैसले के बाद उत्साह का माहौल है, क्योंकि विपक्ष की एक मजबूत सीट पर मुकाबला अब आसान हो सकता है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, RJD अब इस सीट पर किसी सहयोगी दल से समझौते की संभावना तलाश रही है। हालांकि आधिकारिक रूप से तेजस्वी यादव या पार्टी ने इस पर कोई बयान नहीं दिया है। लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही पार्टी नया उम्मीदवार घोषित कर सकती है या इस सीट पर रणनीतिक वापसी की योजना बना सकती है।
बिहार चुनाव के इस दौर में, जब हर सीट पर सियासी समीकरण तेजी से बदल रहे हैं, मोहनिया सीट का यह विवाद RJD के लिए चिंता का विषय बन गया है। अब देखना होगा कि तेजस्वी यादव इस झटके से पार्टी को कैसे उबारते हैं।