बाहर मार्केट से लाये हुए काजल का दुष्प्रभाव जब हम बड़ो को हो सकता हे तो बच्चो पर तो इनका ज्यादा असर होता हे। उनकी आँखे तो बहुत ही नाज़ुक होती हे। इसीलिए उनकी आँखों में किसी भी चीज़ को इस्तेमाल करने से पहले पूरी जानकारी जरूर रखें। घर के बने हुए काजल को महत्त्व दीजिये।
भारत में लगभग हर घर में बच्चो को काजल लगाया जाता हे. आँखों के साथ साथ माथे और हाथ पैर में भी टिका लगाया जाता हे ताकि किसीकी नज़र न लगे.
पहले घर में बने काजल का उपयोग होता था तो वो बहुत ही फायदेमंद होता था लेकिन अब के काजल मार्केट के केमिकल युक्त होता हे जो बहुत ही नुकसान दायक बन जाता है। यहा हम आपको जानकारी सांझा कर रहे हे की छोटे बच्चो की आँखों में काजल लगाने के नुकसान क्या हो सकते है। ।काजल में मौजूद केमिकल से न सिर्फ बच्चो की आँखों में इन्फेक्शन होता हे साथ ही साथ उनके नर्वस सिस्टम पर भी प्रभाव डालता हे। बच्चे बेहद ही नाज़ुक होते है। उनका गट ओब्सॉर्प्शन काफी तेज़ होता हे जिससे इन पर गंभीर असर हो सकता है। काजल में लेड होता है। जो की बहुत ही खतरनाक परिणाम दे सकता हे। इसका असर बॉन मेरो पे पड़ता हे साथ ही साथ मासपेशिओ के विकास पर भी पड़ता हे। किडनी से जुडी हुई बीमारी का भी कारण बन सकता हे. काजल लगाने पर बच्चा अपनी आँखे रगढ़ता है जिससे काजल उसकी आँखों के अंदर चला जाता है। आगे चल कर आँखों की समस्या का कारण भी बन सकता हे ।अगर आपको बच्चो को काजल लगाना ही हे तो घर पर बना हुआ काजल लगाए , जो बच्चे की आँखों को फायदा करेगा जैसे की :२-३ बादाम ले , जिनको पूरी तरह जला के बाऊल में निकले और शुद्ध घी डाल कर बच्चो की आँखों में लगाए।
सरसो के तेल का दीपक जलाये और दूसरा खाली दीपक उस पर रखें। जिसकी धुंआ से काजल बन जायेगा।