PATNA:बिहार की मुजफ्कुफरपुर जिले की कुढ़नी विधानसभा सिट का उपचुनाव अब जातिआधारित हो चला है .एक तरफ जहाँ नितीश की पार्टी पिछडोंदलितों और अल्पसंख्यकों के सहारे है तो वहीं भाजपा अगड़ों के सहारे.लेकिन इस बिच मुकेश सहनी ने काम बिगड दिया है. कुढ़नी मे होने वाले उपचुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है।बताते चलें की इस चुनाव में बीजेपी, महागठबंधन के अलावा वीआईपी और ओवैसी की पार्टी ने भी अपना उम्मीदवार उतारा है। सभी दल इस उपचुनाव को जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाए हुए हैं। सियासी जानकार भी इस उपचुनाव को बिहार की राजनीति का फाइनल मैच बता रहे हैं। जानकारों का मानना है कि गोपालगंज में ओवैसी की वजह से बीजेपी जीत गई। मोकामा में अनंत फैक्टर काम कर गया। कुढ़नी एक मात्र ऐसी सीट है। जिसका रिजल्ट बताएगा कौन कितने पानी में है?
इस बीच कुढ़नी उपचुनाव को लेकर मुजफ्फरपुर में बुधवार को भूमिहार ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट के कोर कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में जिला से लेकर ब्लॉक स्तर तक के पदाधिकारी मौजूद रहे। इस दौरान फ्रंट ने सर्वसम्मति से कुढ़नी उपचुनाव में वीआईपी प्रत्याशी नीलाभ कुमार को समर्थन देने का फैसला लिया। नीलाभ कुमार की जीत सुनिश्चित करने के लिए 6 सदस्यीय एक चुनाव संचालन समिति भी बनाई गई।प्रति सूत्रों के अनुसार संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री अजीत कुमार को चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष बनाया गया है। समिति में कार्यकारी अध्यक्ष सुधीर शर्मा, पूर्व विधायक प्रकाश राय, महासचिव और पूर्व विधायक शत्रुघ्न तिवारी उर्फ चोकर बाबा, धर्मवीर शुक्ला, मुजफ्फरपुर की महिला अध्यक्ष कादंबनी ठाकुर, संगठन के प्रदेश सचिव और मुखिया अवधेश प्रसाद सिंह, मुजफ्फरपुर के युवा अध्यक्ष शांतनु सत्यम तिवारी, जिला महासचिव रणधीर कुमार आदि के नाम प्रमुख हैं।
भूमिहार ब्राह्मण सामाजिक फ्रंट का VIP उम्मीदवार को समर्थन
इस दौरान यह तय किया गया कि चुनाव संचालन समिति कुढ़नी विधानसभा क्षेत्र का पूरा रुट मैप तैयार करेगी तथा कार्यकर्ताओं की अलग अलग टीम बनाकर उसे गांव गांव में भेजा जाएगा ताकि प्रत्याशी नीलाभ कुमार की जीत सुनिश्चित की जा सके। बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री वीणा शाही, वरीय उपाध्यक्ष पूर्व विधायक प्रकाश राय, डॉक्टर श्यामनंदन शर्मा, महासचिव ब्रिगेडियर प्रवीण कुमार,प्रदेश सचिव संजीत कुमार ठाकुर, प्रदेश सचिव, शिशिर कौण्डिल्य, पटना महानगर अध्यक्ष महेश्वर प्रसाद सिंह, छपरा जिला अध्यक्ष चंद्रदेव सिंह, कमलेश कुमार सिंह, जिला परिषद के सदस्य विपिन साही, संजय ठाकुर, रंजन कुमार सिंह, संतोष कुमार शाही, पूर्व मुखिया प्रमोद ठाकुर, राजकुमार सिंह, दीपक कुमार, अमरेश कुमार, आशुतोष कुमार, कृष्णा, संजय कुमार सिंह, सरोज कुमार चौधरी, दीपक कुमार, कामेश्वर शुक्ला, शांतनु सत्यम तिवारी, अंकेश ओझा, सरपंच राकेश कुमार, पप्पू सिंह, मुन्ना सिंह समेत मुजफ्फरपुर जिला के प्रखंड स्तर तक के पदाधिकारी मौजूद थे।
राजद के माय समीकरण पर भरोसा
कुर्मी और कुशवाहा को मिला दें तो उसके मतदाता की संख्या भी इतनी ही हो जाएगी। सबसे अधिक वोटर अनुसूचित जाति के हैं। इसकी संख्या करीब 50 हजार है। चुनाव की सारी रणनीति इन्हीं वोटरों पर बनाई जा रही है। जदयू कुशवाहा के साथ राजद के माय समीकरण पर भरोसा कर रहा। इसमें दो तरफा सेंधमारी की रणनीति बनाई जा रही। कुशवाहा वोट में सेंधमारी के लिए भाजपा ने विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष सम्राट चौधरी को चुनाव की कमान सौंपी है। वहीं एआइएमआइएम का निशाना ही अल्पसंख्यक वोटर हैं। ऐसे में राजद नेताओं से जदयू को उम्मीद होगी कि वे अधिक से अधिक यादव वोट उनकी ओर दिलाएं।
वैश्य वोटर को आधार मान रही भाजपा
भाजपा उम्मीदवार स्वजातीय वैश्य वोटर को आधार वोट मान रहे। भूमिहार और अनुसूचित जाति का वोट उनके लिए महत्वपूर्ण होगा। लोजपा के दोनों गुट के समर्थन का भाजपा को लाभ मिल सकता है। रणनीति भूमिहार वोटरों को लेकर है। भाजपा और महागठबंधन ने अपने-अपने भूमिहार नेताओं को मैदान में उतार दिया है। मंत्री विजय चौधरी के साथ कई नेता लोगों से मिल रहे। वहीं, भाजपा की ओर से नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, डा. सीपी ठाकुर के पुत्र व राज्यसभा सदस्य विवेक ठाकुर आदि को लगाया गया है। पूर्व विधायक साधु शरण शाही के परनाती होने का लाभ वीआइपी उम्मीदवार नीलाभ को मिल सकता है। उनका मिलने वाला वोट निर्णायक हो सकता है।
वीआईपी ने बड़ा खेल कर दिया
कुढ़नी उपचुनाव में विकासशील इंसान पार्टी के मुकेश सहनी बड़ा खेल कर गए हैं। उस खेल से सबसे ज्यादा प्रभावित बीजेपी हुई है। बीजेपी कुढ़नी उपचुनाव में भूमिहार वोटरों को अपना कोर वोटर मानकर चल रही है। इसी बीच वीआईपी ने भूमिहार समाज से आने वाले स्थानीय युवा नीलाभ कुमार को टिकट देकर पूरा समीकरण बिगाड़ दिया है। कुढ़नी के स्थानीय वोटर खुलेआम चौक-चौराहों पर नीलाभ कुमार के समर्थन की बात कह रहे हैं। जैसे गोपालगंज में राजद प्रत्याशी के लिए ओवैसी की पार्टी दुश्मन बन गई। ठीक वैसे ही कुढ़नी में बीजेपी के लिए वीआईपी सिरदर्द साबित हो रही है। बीजेपी भूमिहार वोटरों के खिसकने से पूरी तरह परेशान लग रही है। पार्टी के प्रदेश नेतृत्व अपनी पूरी ताकत कुढ़नी को जीतने में लगा दी है।