नई दिल्ली, एएनआई। सुप्रीम कोर्ट का आरटीआई पोर्टल (Supreme Court RTI Portal) बनकर तैयार हो गया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आरटीआई पोर्टल पूरी तरह तैयार है। इस पोर्टल के जरिए लोग सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी सूचना आसानी से प्राप्त कर पाएंगे।कोई भी आम नागरिक अब सूचना को अधिकार कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट से जानकारी पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।देश की न्याय प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ लगातार प्रयास कर रहे हैं. अब सुप्रीम कोर्ट में सूचना पाना भी आसान हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में ऑनलाइन RTI पोर्टल को लॉन्च किया था. सुप्रीम कोर्ट से जानकारी पाने के लिए सूचना अधिकार कानून के तहत इस पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. ये पोर्टल आज (24 नवंबर) से काम करने लगेगा. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि ऑनलाइन RTI पोर्टल आज से पूरी तरह से काम करने लगेगा. ऑनलाइन ऐप्लिकेशन डालने के लिए आपको registry.sci.gov.in/rti_app पोर्टल पर जाना होगा। सूचना के अधिकार के तहत कई संस्थानों से लोग जानकारी हासिल करते हैं। सुप्रीम कोर्ट से सूचना पाने का तरीका भी लगभग वैसा ही है। सुप्रीम कोर्ट की जानकारी हासिल करने के लिए पहले आवेदनकर्ता को इसमें अपनी लॉगिन आईडी बनानी पड़ेगी। इसके बाद मांगी जा रही सूचना का फॉर्म भरना होगा। आखिर में 10 रुपये का शुल्क ऑनलाइन देना होगा।इस पोर्टल के जरिए आप आसानी से आवेदन कर सकते हैं. सबसे पहले आवेदनकर्ता को इसमें अपनी लॉगिन आईडी बनानी पड़ेगी. इसके बाद मांगी जा रही सूचना का फॉर्म भरना होगा. अंत में 10 रुपये का शुल्क ऑनलाइन पे करना होगा. सीजेआई चंद्रचूड़ ई-समिति के अध्यक्ष भी हैं, जो देश में न्याय प्रणाली के जरिए सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) को अपनाने की दिशा में काम करती है.
2019 में आया था ऐतिहासिक फैसला
13 नवंबर 2019 को दिए एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को भी ‘पब्लिक ऑफिस’ करार दे चुका है. सुप्रीम कोर्ट भी सूचना अधिकार कानून, 2005 के तहत एक पब्लिक ऑफिस है, जिसके कामकाज से जुड़ी सूचना नागरिक मांग सकते हैं. 2019 में अदालत ने जोर देकर कहा था कि निर्विवाद है कि RTI एक्ट के तहत लोगों को जानकारियां मिलेंगी. एक दिन मुख्य न्यायाधीश का कार्यालय भी इस कानून के दायरे में आएगा.हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के कामकाज की सूचना सार्वजनिक नहीं की जाएगी, क्योंकि इससे कई विचाराधीन केस प्रभावित हो सकते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों से जुड़ी कई जानकारियां भी इस अधिकार के तहत नहीं आती हैं। ऐसे में लोगों को सूचना मांगने से पहले कई बातों का ध्यान रखना होगा।