पटना : निकाय चुनावों में कई राजनीतिक दिग्गजों को बुरा दिन देखना पड़ा। बिहार विधानसभा के उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी की पत्नी संध्या हजारी मेयर का चुनाव हार गईं। समस्तीपुर नगर निगम में वह इस पद के उम्मीदवारों में तीसरे नंबर पर चली गईं। हजारी जदयू के विधायक की हैसियत से विधानसभा के उपाध्यक्ष हैं। वे सांसद और मंत्री भी रह चुके हैं। समस्तीपुर नगर निगम के नवसृजित वार्ड नम्बर 38 से जीते रामाश्रय सहनी 1990-2000 के बीच विधायक, राज्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री रहे हैं। विधायक बनने से पहले वे मुखिया थे। वार्ड किसी निकाय की सबसे छोटी इकाई है।
जदयू के दबंग विधायक गोपाल मंडल की पत्नी सबिता मंडल को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है। वह भागलपुर नगर निगम में मेयर की उम्मीदवार थीं। चुनाव प्रचार के समय उनके पुत्र आदित्य मंडल को जेल जाना पड़ा। उनकी गिरफ्तारी गोलीबारी के एक मामले में हुई। वोटों की गिनती से पता चला कि दबंग विधायक की पत्नी को मतदाताओं ने छठे नंबर पर धकेल दिया। विधायक गोपाल मंडल हमेशा चर्चा में रहते हैं। सबिता को जदयू का समर्थन मिला था। भागलपुर के वार्ड नंबर 47 से नसरीन बेगम चुनाव जीत गईं। वह जदयू की पूर्व राज्यसभा सदस्य कहकशां परवीन की जेठानी हैं। कटिहार में राजद नेता और पूर्व मंत्री रामप्रकाश महतो की पत्नी मीना महतो मेयर पद का चुनाव हार गईं। उन्हें भाजपा से विधान पार्षद अशोक अग्रवाल की पत्नी उषा अग्रवाल ने हराया। बरारी के जदयू विधायक विजय ङ्क्षसह की पत्नी प्रेमलता देवी डिप्टी मेयर के चुनाव में पांचवें स्थान पर रहीं।
भाजपा विधायक ने सांसद के उम्मीदवार को हराया
मोतिहारी नगर निगम चुनाव में भाजपा के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री राधामोहन ङ्क्षसह एवं भाजपा विधायक पवन जायसवाल के उम्मीदवारों के बीच दिलचस्प मुकाबला हुआ। मेयर पद के लिए सांसद ने प्रकाश अस्थाना का समर्थन किया, जबकि विधायक पवन जायसवान का समर्थन प्रीति गुप्ता को प्राप्त था। जीत प्रीति गुप्ता की हुई।