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वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने में योगदान के लिए जीविका को मिला समावेशी वित्त भारत पुरस्कार

यह पुरस्कार भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ वी अनंत नागेश्वरन द्वारा जीविका टीम की ओर से श्री मनीष कुमार, स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर- माइक्रो फाइनेंस को प्रदान किया गया.

पटना/नई दिल्ली:बिहार के लिए एक बार फिर गर्व का अवसर हासिल हुआ, जब राष्ट्रीय पटल पर बिहार रूरल लाइवलीहुड्स प्रमोशन सोसाइटी-जीविका को समावेशी वित्त शिखर सम्मेलन,  नई दिल्ली में आयोजित एचएसबीसी के साथ साझेदारी में एक्सेस द्वारा आयोजित “एक सक्षम संस्थान द्वारा वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने में योगदान” (Contribution to Advancing Financial Inclusion by an enabling Institution)  श्रेणी के तहत समावेशी वित्त भारत पुरस्कार 2022 से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार वैसे संस्थानों और व्यक्तियों को दिया जाता है जो भारत में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाने के लिए अपना विशेष योगदान एवं नवाचारी माध्यम का उपयोग करते हैं. जीविका ग्रामीण बिहार में वित्तीय समावेशन प्रणाली की चुनौतियों का समाधान करने में अग्रणी एवं सफल रही है। जीविका उन समुदायों तक पहुंच बना रही है, जो पारंपरिक रूप से वर्षों से विभिन्न कारणों से वित्तीय समावेशन प्रणाली से बाहर थे। इन समुदायों में कम आय वाले व्यक्ति, परिवार  और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित समूह शामिल हैं। वित्तीय समावेशन व्यक्तियों और व्यवसायों की बैंकिंग,  क्रेडिट और बीमा जैसी वित्तीय सेवाओं तक पहुँचने और उपयोग करने की क्षमता को बढाता है। यह गतिविधि इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वंचित वर्ग को अपने धन को अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने,  भविष्य के लिए बचत करने और उनकी स्थायी आजीविका सृजन और समग्र विकास के अवसरों में निवेश करने में मदद कर रहा है।

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पिछले कुछ वर्षों से, देश भर में वित्तीय समावेशन पर बल दिया गया है। अलग-अलग बैंकों के परिचालन में आने और एनबीएफसी के माध्यम से छोटे उद्यमों के लिए ऋण देने के मॉडल की शुरुआत, किफायती आवास वित्त उत्पाद,  ऋण देने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म,  वितरण में बैंकों द्वारा नवाचारों के साथ गैर-बैंकिंग खंड आदि वित्तीय समावेशन ढांचा काफी हद तक विकसित हुआ है। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ऋण आदि चलन में हैं। जीविका द्वारा लक्षित वर्ग को वित्तीय मुख्यधारा में ले लाने की बहुआयामी चुनौतियों का समाधान कर  वित्तीय संस्थानॉ की मदद से लक्षित वर्ग के जीवन को बदलने के उद्देश्य से बचत,  क्रेडिट,  बीमा और वैकल्पिक बैंकिंग में औपचारिक वित्तीय सेवाओं के साथ नए ग्राहकों तक पहुंचने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। जीविका वर्तमान समय में 964176 स्वयं सहायता समूहों का बचत खाता खुलवाकर और 26708.44 करोड़ का ऋण उपलब्ध करवाया हा.  जीविका ने बैंक के पोषक क्षेत्र से बाहर रह रहे योग्य लोगों को वित्तीय सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से बिहार के सुदूरवर्ती हिस्से तक अपने वैकल्पिक माध्यम से अपनी पहुंच स्थापित कर चुकी है।

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यह पुरस्कार भारत सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ वी अनंत नागेश्वरन द्वारा जीविका टीम की ओर से श्री मनीष कुमार, स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजर- माइक्रो फाइनेंस को प्रदान किया गया.  जीविका वित्तीय समावेशन की दिशा में निरंतर गतिशील है और एक ही स्थान पर वित्तीय समावेशन की सभी गतिवधियों की सेवा उपलब्ध करने की दिशा में संलग्न है।

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