- ● आशा संयुक्त संघर्ष मंच* के आह्वान पर पटना सिविल सर्जन के समक्ष आशा व आशा फैसिलिटेटरों का आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन , मुख्यमंत्री के नाम सिविल सर्जन को सौंपा मांग पत्र।
- ● पारितोषिक नहीं मासिक मानदेय देने, एक हजार नहीं 10 हजार देने तथा सरकारी कर्मचारी घोषित करने सहित 9 सूत्री मांग को उठाया।
● मांगे पूरी नहीं होने पर 12 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल का एलान – शशि यादव।
● आशाओं का आंदोलन मोदी और महागठबंधन दोनों सरकारों के खिलाफ.
● मोदी सरकार ने 9 वर्ष के साशन में एक रुपया नहीं बढ़ाया ,बजट में चर्चा तक नहीं किया जबकि पटना उच्च न्यायालय और विश्व स्वास्थ्य सांगठन ने आशाओं के कोरोना कार्यो को सराहा – शशि यादव.
● बजट सत्र में विधान सभा के अंदर आशाओं की मांगे पूरी करने पर सरकार सहानुभूतिपूर्वक विचार कर रही है उप मुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री अपनी इस घोषणा को पूरा करे – शशि यादव
पटना:पारितोषिक नहीं, मासिक मानदेय दो,1000 नहीं – 10000 रुपया दो, आशा व आशा फैसिलिटेटरों को स्वास्थ्य विभाग का कर्मचारी घोषित करो ,कोरोना अवधि में काम सहित अन्य काम के सभी बकाए का भुगतान करो, पेंशन सहित समग्र सामाजिक सुरक्षा लागू करो तथा जनता को स्वास्थ्य का अधिकार दो आदि 9 सूत्री मांगों की पूर्ति को लेकर पटना जिला की सैंकड़ों आशा व आशा फैसिलिटेटरों ने आज पटना सिविल सर्जन के समक्ष आक्रोशपूर्ण धरना प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम 9 सूत्री मांग पत्र पटना सिविल सर्जन को सौंपा।
आज बिहार के समस्त सिविल सर्जन के समक्ष राज्यव्यापी प्रदर्शन का आह्वान बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट- ऐक्टू) व बि०रा०आशा एवं आशा फैसिलिटेटर संघ ( जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ-सीटू) के आशा संयुक्त संघर्ष मंच ने किया था।इस बीच बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट- ऐक्टू) अध्यक्ष शशि यादव व ऐक्टू नेता रणविजय कुमार तथा बिहार राज्य जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के सहायक महामंत्री विश्वनाथ सिंह ने संयुजत तौर से बताया कि आज का राज्यव्यापी प्रदर्शन सरकार को सचेत करने और मांगे पूरी करने के लिए किया गया है, बजट सत्र के दौरान विधान सभा के अंदर उपमुख्यमंत्री सह स्वास्थ्य मंत्री के आशाओं के बारे में सहानुभूति पूर्वक विचार के घोषणा अनुसार अगर सरकार ने 11 जुलाई तक मांग पूरा नहीं किया तो 12 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की शुरुआत होगी जिसकी सारी जवाबदेही राज्य व केंद्र की मोदी सरकार की होगी।
उक्त नेताओं ने कहा कि आशा व आशा फैसिलिटेटरों का यह आंदोलन राज्य व केंद्र की मोदी सरकार दोनों के खिलाफ है, मोदी सरकार ने अपने 9 वर्षीय साशन में बिहार व देश भर की आशाओं के लिए एक रुपया बढ़ाया तो दूर बल्कि अब तक किसी भी केंद्रीय बजट मे आशाओं के हक में चर्चा तक नहीं किया जबकि पटना उच्च न्यायालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यू०एच०ओ०) ने कोरोना के दौरान आशा के कार्यों की सराहना की है।
आशा नेत्री शशि यादव व विश्वनाथ सिंह ने बताया कि आज पटना में हुए प्रदर्शन के दौरान सिविल सर्जन पटना को 9 सूत्री मांगों से सम्बंधित मांग पत्र सौंपा गया। नेताओं ने बताया कि आज पटना सहित राज्य के लगभग 400 से अधिक सिविल सर्जन के समक्ष बिहार के 25 हजार से अधिक आशा व आशा फैसिलिटेटरों ने प्रदर्शन किया और राज्य के विभिन्न सिविल सर्जन को मुख्यमंत्री के नाम 9 सूत्री मांग पत्र सौंपा।
आज पटना सिविल सर्जन के समक्ष हुए धरना प्रदर्शन के अवसर हुई सभा को आशा संयुक्त संघर्ष मंच से जुड़े बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ (गोप गुट- ऐक्टू) अध्यक्ष शशि यादव, ऐक्टू नेता रणविजय कुमार , बिहार राज्य जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के सहायक महामंत्री विश्वनाथ सिंह,मो० लुकमान,बिहार राज्य आशा व आशा फैसिलिटेटर संघ अध्यक्ष मीरा सिन्हा, आशा नेत्री यशोदा देवी,अनुराधा कुमारी, पूनम कुमारी,साबित देवी , ऐक्टू नेता मुर्तजा अली ने संबोधित किया।