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सीतामढ़ी लोकसभा चुनाव:तीन से तेरह प्रत्याशी तो हुए लेकिन कोई नहीं तोड़ पाया हैट्रिक का रिकॉर्ड

लोकसभा चुनाव 2024 जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है वैसे वैसे चुनावी सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं। आजाद भारत के बाद के चुनाव के नतीजे का विश्लेषण भी जारी है। हार जीत के साथ ही हर सीट की अपनी-अपनी एक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि रही है।आजादी के बाद हुए लोकसभा चुनाव में सीतामढ़ी की भी कुछ दिलचस्प कहानी है जो चुनावी दौर में ही पटल पर देखने,सुनने और पढ़ने को मिलती है। कहानी यह है कि सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र में आजादी के बाद से आज तक हुए चुनाव में एक समय ऐसा भी था जब सांसद बनने के लिए कुल तीन उम्मीदवार ही मैदान में थे। राजनीतिक विश्लेषक बताते हैं कि वह दौर चूंकि विशुद्ध रूप से जन सेवा की भावना से राजनीति करने का था इसलिए गिने चुने लोग ही राजनीति का रुख करते थे। उस जमाने में ना तो आज जैसी ठसक देखने को मिलती थी और ना ही धन दौलत की रेल पेल। शायद यही वजह थी कि उस दौर में लोग खुद को नापतोल कर ही चुनावी मैदान में उतरते थे।

 

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चुनाव आयोग के आंकड़ों पर गौर करें तो सीतामढ़ी लोकसभा सीट के लिए वर्ष 1957 के पहले चुनाव में तीन प्रत्याशी ही मैदान में उतरे थे। इनमें प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के आचार्य जेबी कृपलानी, निर्दलीय बुझावन साह और नग नारायण सिंह शामिल थे।1957 के सीतामढ़ी लोकसभा चुनाव में तब कुल 417735 मतदाताओं में कुल 212523 मतदाताओं ने मतदान किया था। प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के आचार्य जेबी कृपलानी ने 126523 मत प्राप्त कर बुझावन साह को 71688 मत से शिकस्त दिया था। बुझावन साह को 54835 मत मिले थे। जबकि तीसरे नंबर पर नग नारायण सिंह को 31075 मत मिले थे।

 

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इसके विपरीत अगर हालिया दिनों यानी पिछले दो-तीन चार चुनाव की बात की जाए तो यह बात साफ नजर आती है कि इस दौर में सांसद बनने के लिए कितनी मारा मारी है।बात अगर लोकसभा चुनाव 2019 की करें तो सीतामढ़ी लोकसभा क्षेत्र से 21 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी जबकि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में सीतामढ़ी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से 19 प्रत्याशियों ने विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ आजाद उम्मीदवार के तौर पर अपनी किस्मत आजमाई।

 

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सीतामढ़ी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का एक और इतिहास रहा है। वह इतिहास यह रहा है कि इस लोकसभा क्षेत्र में आजादी के बाद से हुए अब तक के लोकसभा चुनाव में सिर्फ एक व्यक्ति ने जीत की हैट्रिक लगाई है यानी लगातार तीन बार जीतकर सीतामढ़ी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। आंकड़े बताते हैं कि सीतामढ़ी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पर कांग्रेस के नागेंद्र प्रसाद यादव की जीत की हैट्रिक का रिकार्ड अब भी बरकरार है। उन्होंने 1961, 1967 और 1971 के चुनाव में लगातार जीत दर्ज की। हालांकि वर्ष 1977 में लोकदल के महंत श्याम सुंदर दास और 1989 के चुनाव में उन्हें जनता दल के हुकुमदेव नारायण यादव से शिकस्त खानी पड़ी।

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