Nationalist Bharat
ब्रेकिंग न्यूज़

शिवहर विधानसभा में बाहरी बनाम स्थानीय की छिड़ी जंग,बैकफ़ुट पर महागठबंधन

कल तक पार्टी और गठबंधन विशेष और विकास को मुद्दा बनाकर जदयू विधायक शरफुद्दीन के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर सक्रिय युवा मतदाता इन दिनों बाहरी बनाम स्थानीय को हवा देकर NDA गठबंधन के पक्ष में खड़े दिखाई देने लगे हैं।

 

शिवहर:अभी हाल के दिनों तक सोशल मीडिया पर बैकफुट पर दिख रहे NDA के जदयू विधायक मोहम्मद शरफुद्दीन अचानक शिवहर विधानसभा क्षेत्र में फ्रंट फुट पर दिखाई दे रहे हैं।कल तक क्षेत्र के युवाओं के निशाने पर रहने वाले निवर्तमान विधायक की इस राजनीतिक बैटिंग में उन्हें मौक़ा दिया है महागठबंधन के कोटे से राजद का टिकट हासिल करने वाले पूर्व सांसद आनंद मोहन और लवली आनंद के सुपुत्र चेतन आनंद ने।दरअसल,पिछले दो विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले जदयू विधायक मोहम्मद शरफुद्दीन हाल के दिनों तक एंटी इनकंबेंसी का सामना कर रहे थे।ज़मीनी सतह से लेकर सोशल मीडिया तक लोग मुखर होकर विरोध में आवाज़ें उठाने लगे थे।आपको याद होगा अभी कुछ दिन पहले ही ऐसे ही एक तथाकथित विरोध के दौरान मारपीट और गाली गलौज तक की नौबत आगयी थी जिसमे मामला केस मुकदमा तक जा पहुंचा था।पक्ष विपक्ष के अपने अपने दावे थे लेकिन सोशल मीडिया की मानें तो विरोध की स्वर उठी थी।इस मामले में विधानसभा चुनाव में जन अधिकार पार्टी से विधानसभा उम्मीदवार बनने वाले वामिक जफीर को जेल तक जाना पड़ा था।अभी वो ज़मानत पर हैं।ख़ैर,विरोधों के बीच मौजूदा परिस्थितियों ने एक बार फिर शिवहर विधानसभा की सियासत को सिरे से पलट दिया है।इसकी बानगी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बड़े जोरशोर से दिखाई देने लगी है।कल तक पार्टी और गठबंधन विशेष और विकास को मुद्दा बनाकर जदयू विधायक शरफुद्दीन के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर सक्रिय युवा मतदाता इन दिनों बाहरी बनाम स्थानीय को हवा देकर NDA गठबंधन के पक्ष में खड़े दिखाई देने लगे हैं।ये स्थिति लगभग उसी तर्ज पर बदली हैं जिस तर्ज़ पर पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में राजद के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले गया निवासी सय्यद फैसल अली के साथ जो परिस्थिति खड़ी हुई थी।उस चुनाव में भी बाहरी का मुद्दा सर्वपरि रहा था जिसका खामियाजा राजद को उठाना पड़ा था और बहुत बड़े मार्जिन से सैयद फैसल अली की हार हुई थी।ये मुद्दा उस वक्त इसलिए उछल था क्योंकि शिवहर लोकसभा से कई एक स्थानीय उम्मीदवार लौ लगाए बैठे थे।बात तो यहां तक पहुंच गई थी कि राजद प्रमुख लालू यादव के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव ने यहां से स्थानीय निवासी अंगेश सिंह को प्रत्याशी तक घोषित कर दिया था लेकिन सिंबल गया निवासी सय्यद फैसल अली लेने में कामयाब हो गए थे।जिस वजह से एक राजनीतिक बवाल हुआ और बाहरी बनाम स्थानीय की लहर उठी।और वो चुनाव परिणाम में राजद को हार के तौर पर किनारे लगाने में कामयाब रही।हालांकि जीतने वाली भाजपा सांसद रमा देवी भी स्थानीय तो नहीं हैं लेकिन दो बार इस लोकसभा का प्रतिनिधित्व करने के कारण वो राजद के फैसले अली पर भारी पड़ी और भारी अंतर से जीत दर्ज करने में कामयाब रहीं।साल भर बाद शिवहर आज फिर उसी पिच पर विधानसभा के लिए बैटिंग करने को तैयार है जहाँ खिलाड़ी तो बदले लेकिन परिस्थितियां पूरी तरह वैसी ही हैं।एक तरफ दो बार से शिवहर विधानसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले जदयू के निवर्तमान विधायक मोहम्मद शरफुद्दीन हैं तो दूसरी और जेल में बन्द पूर्व सांसद आनंद मोहन के पुत्र चेतन आनंद हैं।बस चेतन आनंद के लिए कुछ प्लस पॉइंट ये है कि उनकी माताश्री लवली आनंद इस विधानसभा से 2015 के विधानसभा चुनाव में हिंदुस्तानी अवाम पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ी थी जबकि उन्हें 461 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।

सोशल मीडिया

उस वक्त शर्फुद्दीन को 44576 वोट मिले थे जबकि लवली आनंद को 44115 वोट मिले थे।शरफुद्दीन को 29.7% वोट मिले जबकि दूसरे नंबर पर रही लवली आनंद को 29.4% वोट हासिल हुए।ये तब था जब लवली आनंद NDA की प्रत्याशी थी और शरफुद्दीन महागठबंधन के प्रत्याशी थे।उस वक्त लवली आनंद को भाजपा के कोर वोटर ने पूरी तन्मयता और संगठित होकर वोट किया था जबकि महागठबंधन के उम्मीदवार मोहम्मद शरफुद्दीन को MY समीकरण के साथ कुछ अन्य का समर्थन मिला था जिसमें वो अपनी सीट किसी तरह बचाने में कामयाब हुए थे।मौजूदा परिस्थिति में NDA ने मोहम्मद शरफुद्दीन पर तीसरी बार भरोसा किया है और टिकट दिया है।इस बार मोहम्मद शरफुद्दीन को जहां भाजपा के कोर वोटर का सहारा है वहीं अल्पसंख्यक होने के नाते सहानुभूति का वोट भी उनकी झोली में जाता प्रतीत होता है।चेतन आनंद के लिए दरअसल मुश्किल इसलिए भी दिखाई देती है क्योंकि मौजूदा वक्त में शिवहर विधानसभा से राजद के कद्दावर नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री और इस विधानसभा के साथ लोकसभा का प्रतिनिधित्व करने वाले दिवंगत रघुनाथ झा के पौत्र और 2 बार के विधायक अजित कुमार झा के पुत्र और सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता नवनीत कुमार झा भी प्रबल दावेदार थे।वो स्थानीय भी हैं और राजनीतिक पकड़ भी।भाजपा के कोर वोट बैंक से आनेवाले नवनीत कुमार के इलावा इस विधानसभा क्षेत्र से राजद के लिए ताल ठोंकने वाले राजद ज़िला अध्यक्ष ठाकुर धर्मेंद्र सिंह को दरकिनार करते हुए राजद ने चेतन आनंद पर भरोसा किया है।ज़ाहिर है,रणनीति जो भी हो लेकिन डिजिटल माध्यम से चुनाव की बिछाई जाने वाली बिसात की शुरुआती चाल में राजद बैकफुट पर दिखाई दे रहा है।नतीजा अभी भविष्य के गर्त में है लेकिन सोशल मीडिया और पिछले लोकसभा चुनाव के पैटर्न और नतीजे की कसौटी पर फिलहाल NDA और उसके उम्मीदवार मोहम्मद शरफुद्दीन आगे जाते दिखाइ दे रहे हैं।याद रहे अंतिम नतीजे दस नवंबर को ही आएंगे।

पूर्णियाँ जिला कुश्ती संघ के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों ने ग्रहण किया पदभार, पूर्णियाँ मे जल्द ही बड़े आयोजन कराने का निर्णय

Nationalist Bharat Bureau

आजमीन हज को रवाना करने एयरपोर्ट पहुंचा नन्हा अनस हयात बना आकर्षण का केंद्र

‘ऑपरेशन सिंदूर’ जारी, पाक नौसेना सीमित रहने को मजबूर: नौसेना प्रमुख

अयोध्या दीपोत्सव 2025: राम की पैड़ी पर पहली बार 80,000 दीयों से सजेगी भव्य रंगोली, जगमगाएगी पूरी अयोध्या

पाकिस्तान क्रिकेट में बड़ा बदलाव: मुहम्मद रिजवान की जगह शाहीन शाह अफरीदी बने वनडे टीम के नए कप्तान

Nationalist Bharat Bureau

इसरो के वैज्ञानिकों से मिलने पहुंचे पीएम मोदी, चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए पीठ थपथपाकर दी बधाई

Bihar Teacher News:सक्षमता परीक्षा खत्म होने के बाद होगी शिक्षकों की ट्रांसफर पोस्टिंग

राजनाथ सिंह का संकल्प: लखनऊ को विश्वस्तरीय शहर बनाने की दिशा में तेज़ी से बढ़ेगा विकास अभियान

लखीसराय में मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, दो गिरफ्तार

Nationalist Bharat Bureau

मिनी स्कर्ट और कटी फटी जींस पहनकर मंदिर आने पर प्रतिबंध,लोगों ने किया स्वागत

Leave a Comment