सीतामढ़ी:शहर के अमन विहार होटल में युवा साहित्यकार निसार अहमद के उपन्यास”फिरंग का कैदी” का लोकार्पण समारोह में हिंदी और उर्दू के साहित्यकार एवं शिक्षाविद शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता गोयनका महाविद्यालय के प्रोफेसर मों सनाउल्लाह नें की, उन्हों ने अपने संबोधन में कहा कि “फिरंग का कैदी” एक ऐतिहासिक और दस्तावेजी उपन्यास है,भारत की पहली स्वतंत्रता संग्राम 1857 ई में और उसके बाद आज़ादी के संघर्षों में काला पानी के लिए दण्डित सेनानियों की जीवन कहानियों को जिस कलात्मकता और सुन्दरता से निसार अहमद ने फिक्शन के रूप में प्रस्तुत किया है वह पढ़ने से संबंधित है। “फिरंग का कैदी” में दर अस्ल आज़ादी के उन क्रांतिकारियों की जीवनी बयान की गई है जिन्हें इतिहास में किसी हद्द तक भुला दिया गया था। उपन्यास कार निसार अहमद ने कहा कि मेरी ये पुस्तक आज़ादी के उन सभी सिपाहियों को श्रद्धांजलि अर्पित करती है जिन्हों ने भारत की स्वतंत्रता के लिए बलिदान दिया था।
डॉ साजिद अली खान ने अपने मंतव्य में कहा कि निसार अहमद अपने लेखन से जो एतिहासिक काम किया है उस पर हम सीतामढ़ी वासियों को गर्व है। ज्ञात हो कि “फिरंग का कैदी” नामी उपन्यास प्रधान मंत्री युवा मेंटोरशिप स्कीम प्रतियोगिता से पुरस्कृत पुस्तक है। देश की 22 भाषाओं में इस प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था,जिसमें प्रथम स्थान उर्दू की उपन्यास “फिरंग का कैदी” को मिला था। भारत सरकार के अंतर्गत नैशनल बुक ट्रस्ट ऑफ इंडिया से ये पुस्तक प्रकाशित हुई है। कार्यक्रम का संचालन उर्दू के साहित्यकार प्रसिद्ध कवि जमील अख्तर शफीक़ द्वारा किया गया।पुस्तक विमोचन के बाद कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ जिसमें स्थानीय कवियों ने अपनी प्रस्तुति दी। लायंस क्लब के अध्यक्ष रामा शंकर शास्त्री, डॉ कमरुल हुदा, डॉ फूल हसन कासमी, गौहर सिद्दीकी,कमर अख्तर,कवि शामिम कसमी,मों तोकीर अन्वर सिकंदर,सूफिया तस्नीम,फातिमा कनीज, कालिम अख्तर शफीक़,अमजद रजा एवं अन्य गणमान्य उपस्थित रहें।

