पटना: झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों ने परसेप्शन की लड़ाई में बढ़त हासिल करने के लिए कई नारे गढ़े हैं। इंडिया गठबंधन ने संविधान को केंद्र में रखते हुए “संविधान बचाओ” का नारा दिया है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का “एक हैं तो सेफ हैं” और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का “बंटोगे तो कटोगे” का नारा चर्चा में है। इन दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार इन्हीं नारों के इर्द-गिर्द घूमता रहा है।
चुनाव से एक दिन पहले, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “एक हैं तो सेफ हैं” नारे पर टिप्पणी करते हुए इसे साधु-संतों के समर्थन का मामला बताया और नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि “इन लोगों को गरीबी और आम जनता की समस्याओं से कोई मतलब नहीं है। रोज़ नई बकवास करते रहते हैं।”
लालू यादव ने झारखंड विधानसभा और बिहार में चार सीटों पर हुए उपचुनाव में अपनी पार्टी की जीत का भरोसा जताया। वहीं, जब उनसे बिहार में एनडीए के भीतर सबकुछ ठीक रहने के सवाल पर पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मुझे इन बातों से कोई फर्क नहीं पड़ता।”
झारखंड विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण का प्रचार खत्म हो चुका है। बुधवार, 20 नवंबर को 12 जिलों की 38 सीटों पर वोट डाले जाएंगे। इनमें से 23 सीटें इंडिया गठबंधन के पास हैं, जबकि 15 सीटें एनडीए के खाते में हैं। इस चरण में झामुमो, कांग्रेस और राजद का दबदबा माना जाता है। एनडीए के लिए पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करना एक बड़ी चुनौती होगी।
दूसरे चरण के चुनाव में कुल 528 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें 472 पुरुष, 55 महिलाएं और एक थर्ड जेंडर शामिल हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, कल्पना सोरेन, बाबूलाल मरांडी, सुदेश महतो, रवींद्रनाथ महतो, दीपिका पांडे सिंह, हफीजुल हसन, सीता सोरेन, और बसंत सोरेन जैसे बड़े नेताओं की किस्मत का फैसला भी इसी चरण में होगा।