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जनता की गाढ़ी कमाई का 226 करोड़ रूपया खर्च करके नीतीश कुमार अपना चेहरा चमकाना चाहते हैं: एजाज अहमद

पटना:बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि बिहार के जनता की गाढ़ी कमाई का 226 करोड़ रूपया खर्च करके नीतीश कुमार महिला संवाद के नाम पर सिर्फ अपना चेहरा चमकाना चाहते हैं। डबल इंजन सरकार बिहार में महिलाओं के सुरक्षा, न्याय और शिक्षा के प्रति गंभीर नहीं है। जहां महिलाओं के साथ अत्याचार, यौनाचार, वयभिचार और बालात्कार की घटनाओं में वृद्धि हुई है, वही बच्चियों के उचच शिक्षा के लिए सुकन्या उत्थान योजना की राशि वर्ष 2021 से अब तक नहीं दी गई है। बिहार जहां मुजफ्फरपुर सेल्टर होम, गायघाट और पटेल नगर शेल्टर होम की घटनाओं से शर्मसार महसूस कर रहा है वहीं अपराध, अपराधियों पर कार्रवाई की दिशा में सरकार गंभीर नहीं है। सरकार का इकबाल पूरी तरह से समाप्त हो गया है।जबकि तेजस्वी प्रसाद यादव कार्यकर्ता संवाद के माध्यम से आमलोगों का विश्वास और समर्थन प्राप्त कर रहे हैं।तेजस्वी प्रसाद यादव कार्यकर्ताओं से संवाद करके डबल इंजन सरकार के कार्यों का आकलन कर रहे हैं तथा कार्यकर्ताओं से विचारों का आदान-प्रदान कर संगठन को मजबूत बनाने पर भी कार्य कर रहे हैं ।

एजाज ने आगे कहा कि आमलोग स्पष्ट रूप से कह रहे हैं की बिहार में नफरत की राजनीति को समाप्त करके नौकरी और रोजगार परक राजनीति को आयाम देकर बिहार से जो संदेश तेजस्वी जी ने दिया उसको देश स्तर पर स्वीकार्यता मिली है और हर वर्ग के लोग राष्ट्रीय जनता दल महागठबंधन के साथ खड़े हैं।

इन्होंने आगे कहा कि बिहार मे लालू प्रसाद ने गंगा-जमुनी संस्कृति को मजबूती प्रदान की और मुसलमानों के हक और अधिकार तथा मान-सम्मान के लिए जो कार्य किया है यह बताने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि इससे अल्पसंख्यक समाज अच्छी तरह से वाकिफ है। जहां लालू जी ने सत्ता में रहते हुए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय का गठन किया, वहीं अल्पसंख्यक आयोग को कानूनी मान्यता दी, उर्दू को रोजगार से जोड़ने का काम किया और 12500 उर्दू टीचरों की बहाली की और बीएससी के परीक्षा में उर्दू को लिपि के तौर पर शामिल करके बड़े पदों पर जैसे एसडीओ, डीएसपी, सीओ, बी डीओ और अन्य बड़े पदों पर मुस्लिम समाज को सुशोभित होने का मौका मिला। इतना ही नहीं राजद ने कभी भी उन शक्तियों से समझौता नहीं किया जो देश में सांप्रदायिक उन्माद फैलाकर देश के भाईचारा को समाप्त करना चाहते हैं, इसके लिए लालू प्रसाद जी और तेजस्वी जी ने सारी कठिनाइयां और झंझावात झेले, लेकिन उन लोगों के सामने कभी भी सत्ता और स्वार्थ के लिए समझौता नहीं किया जैसा की जदयू और नीतीश कुमार ने किया है। इतना ही नहीं भाजपा ने अपने आप को बिहार की राजनीति में बनाए रखने के लिए ही भरम और धर्म की राजनीति का सहारा ले रही है। जबकि बिहार के हरेक वर्ग और जाति का समर्थन और विश्वास तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व को प्राप्त है और बिहार का नौजवान इस बात के प्रति संकल्पित है कि नौकरी और रोजगार तेजस्वी के नेतृत्व में ही मिल सकता है डबल इंजन सरकार में सिर्फ नफरत की राजनीति को बढ़ावा मिल रहा है।

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