पटना: बिहार विधानसभा चुनावों से ठीक पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी और जेडीयू के वरिष्ठ मंत्री अशोक चौधरी पर जन सुराज अभियान के प्रणेता प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए 200 करोड़ रुपये की कथित अवैध संपत्ति के गंभीर आरोपों ने सियासी हलकों में हड़कंप मचा दिया है। इन आरोपों के बाद सत्तारूढ़ गठबंधन में ही अशोक चौधरी से सफाई मांगने का दबाव बढ़ गया है।
सबसे पहले जेडीयू के विधान परिषद सदस्य और प्रवक्ता नीरज कुमार ने अपनी ही पार्टी के मंत्री से इन आरोपों पर स्पष्टीकरण देने की मांग की। अब गठबंधन की सहयोगी पार्टी राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने भी नीतीश कुमार पर खुला दबाव बनाया है।
शुक्रवार को पटना में आरएलएम मुख्यालय पर पत्रकारों से बातचीत में कुशवाहा ने कहा, “मैं जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार के बयान से पूरी तरह सहमत हूं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के प्रबल समर्थक हैं, और यह हमारी पार्टी की भी नीति है।” उन्होंने मुख्यमंत्री से पार्टी के सुझावों और मतों पर ध्यान देने की अपील की। अशोक चौधरी के बारे में कुशवाहा ने साफ कहा, “जिन पर आरोप लगे हैं, उन्हें खुद तय करना चाहिए कि आगे क्या करना है।”
इन आरोपों ने बिहार की सियासत में नया मोड़ ला दिया है। नीतीश कुमार पर अब यह दबाव बढ़ रहा है कि वे अपने विश्वासपात्र मंत्री से जवाब मांगें और इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करें। चुनावों के नजदीक होने के कारण यह विवाद जेडीयू और गठबंधन की छवि पर भी असर डाल सकता है।