भारत निर्वाचन आयोग ने देशभर में मतदाता सूचियों के Special Intensive Revision (SIR) की तैयारी पूरी कर ली है। यह विशेष अभियान नवंबर 2025 से मार्च 2026 तक चलेगा और इसका उद्देश्य 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले सभी राज्यों की मतदाता सूची को पूरी तरह सटीक और अद्यतन करना है। आयोग ने बताया कि इस प्रक्रिया में नए मतदाता जोड़ने के साथ-साथ दोहरे नाम हटाना, मृत व्यक्तियों के नाम डिलीट करना और यह सुनिश्चित करना शामिल है कि सभी पंजीकृत मतदाता भारतीय नागरिक हों।
यह लगभग 20 वर्षों में सबसे बड़ा मतदाता सूची पुनरीक्षण है। शहरीकरण, पलायन और नए मतदाताओं की बढ़ती संख्या को देखते हुए इसे जरूरी कदम माना जा रहा है। पिछले SIR (2002-2004) में देश में करीब 70 करोड़ मतदाता थे, जबकि वर्तमान में संख्या बढ़कर लगभग 99.10 करोड़ पहुंच चुकी है। इस बार लगभग 21 करोड़ मतदाताओं को अपने दस्तावेजों का सत्यापन कराना होगा। विशेष ध्यान उन राज्यों पर रहेगा जहां 2026 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं, जैसे केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी।
इस प्रक्रिया में आधार कार्ड को वैकल्पिक दस्तावेज़ के रूप में शामिल किया गया है ताकि पहचान और पते की पुष्टि सरल हो। प्रत्येक ब्लॉक लेवल ऑफिसर (BLO) घर-घर जाकर प्री-फिल्ड फॉर्म वितरित करेंगे। 31 दिसंबर 2025 तक 18 वर्ष या उससे अधिक आयु वाले सभी नागरिक को सूची में जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, शहरी क्षेत्रों में मोबाइल ऐप और ऑनलाइन फॉर्म सबमिशन की सुविधा भी दी जाएगी ताकि युवा मतदाता आसानी से पंजीकरण करा सकें।

