बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। कुल 243 सीटों में से 202 सीटों पर कब्ज़ा जमाकर गठबंधन ने सत्ता में मजबूत वापसी की। इस जीत के साथ ही जातीय समीकरणों का नया परिदृश्य सामने आया है। लंबे समय बाद ऐसा हुआ है जब ऊँची जातियों (UC) से आने वाले विधायकों की संख्या ओबीसी से अधिक हो गई है। कुल 69 सवर्ण विधायक जीते, जिनमें राजपूत (32), भूमिहार (23), ब्राह्मण (12) और कायस्थ (2) प्रमुख हैं। राजपूत सबसे आगे रहे, जिनमें बीजेपी के 19 और जेडीयू के 7 विधायक शामिल हैं।
ओबीसी वर्ग से कुल 66 विधायक NDA में चुने गए। इनमें कुशवाहा समुदाय के 20 और यादव समुदाय के 13 विधायक शामिल हैं, जबकि अन्य ओबीसी समूहों से 33 विधायक जीते। ईबीसी की हिस्सेदारी भी महत्वपूर्ण रही, जहाँ से 32 विधायक एनडीए के हिस्से में आए। दलितों (SC) में सबसे अधिक पासवान समुदाय के 11 विधायक, रविदास के 10 और अन्य दलित वर्गों के 12 उम्मीदवार जीते। एसटी और मुस्लिम समुदाय से एनडीए में एक-एक विधायक पहुँचे हैं।
दलवार आँकड़ों के अनुसार, बीजेपी के 89 विधायकों में 42 सवर्ण, जबकि जेडीयू के 85 विधायकों में 38 ओबीसी प्रमुख रहे। कुल मिलाकर एनडीए के 202 विधायकों की जातीय संरचना में UC – 69, OBC – 66, EBC – 32, SC – 33, ST – 01 और मुस्लिम – 01 शामिल हैं।

