पटना – करीब 20 साल बाद बिहार के गृह विभाग की कमान बदलाव के साथ सीधे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से हटकर सम्राट चौधरी के पास पहुंच गई है। सम्राट चौधरी को गृह मंत्री बनते ही राज्य की पूरी कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी मिल गई है। अब बिहार पुलिस की सभी यूनिट्स — DGP, ADG, IG, SP और DSP — सीधे गृह मंत्रालय को रिपोर्ट करेंगी। कानून-व्यवस्था, दंगा नियंत्रण, बड़े अपराध, ऑपरेशन और गिरफ्तारी से जुड़े अंतिम फैसले सम्राट ही लेंगे।
नई जिम्मेदारी मिलते ही चर्चाएं तेज हो गई हैं कि आखिर क्या अब बिहार में भी यूपी पुलिस जैसा सख्त “योगी मॉडल” लागू होगा। सरकार बनने से पहले कई बार सम्राट चौधरी ने स्पष्ट कहा था कि अपराधियों को किसी भी हालत में नहीं छोड़ा जाएगा। उन्होंने यूपी की तरह अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई और सख्त नीतियों को बिहार में लागू करने की बात भी कही थी। ऐसे में माना जा रहा है कि अपराधियों पर एनकाउंटर, बुलडोजर और त्वरित एक्शन जैसे कदम देखने को मिल सकते हैं।
इसके अलावा IPS और पुलिस अधिकारियों की नियुक्ति, तबादला और सस्पेंशन का अधिकार भी अब गृह मंत्री के हाथों में है। नक्सल प्रभावित इलाकों में ऑपरेशन, STF–SOG तैनाती, बड़े गैंगों पर कार्रवाई जैसी सभी योजनाएं अब सम्राट चौधरी की मंजूरी से चलेंगी। इस फैसले के साथ राज्य में कानून-व्यवस्था की दिशा और तेवर दोनों बदलते हुए दिखाई दे रहे हैं।

