Bihar Politics:कटिहार में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने घोषणा की कि यदि 2025 में राजद की सरकार बनती है, तो सीमांचल और कोसी क्षेत्र में विकास प्राधिकरण की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों का समग्र और तेज़ी से विकास सुनिश्चित करना राजद की प्राथमिकता होगी।
तेजस्वी यादव ने बिहार में फैले भ्रष्टाचार को लेकर राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि थाने से लेकर अंचल कार्यालय तक भ्रष्टाचार व्याप्त है और सरकार इसे रोकने में पूरी तरह विफल साबित हुई है। परीक्षा व्यवस्था की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार में दसवीं कक्षा से लेकर बीपीएससी तक के परीक्षा पत्र लगातार लीक हो रहे हैं, लेकिन सरकार केवल भ्रष्ट अधिकारियों को बचाने में लगी हुई है और इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही।
विजय सिन्हा के राजद पर पेपर लीक में शामिल होने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि विजय सिन्हा केवल किस्मत के कारण उपमुख्यमंत्री बने हैं और उनमें इस पद की योग्यता नहीं है। उन्होंने चुनौती दी कि अगर राजद पेपर लीक में शामिल है तो सरकार इसकी जांच कराए। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि आखिर क्यों हर बार पेपर लीक के तार नालंदा से जुड़ते हैं।
तेजस्वी यादव ने बिहार की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आज सभी वर्ग के लोग, चाहे वे महिलाएं हों, पुरुष हों, या छात्र-छात्राएं, सभी परेशान हैं, जिसके कारण राज्य में अराजकता का माहौल बना हुआ है।
केंद्र और राज्य सरकार के संबंधों पर बोलते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि वर्तमान में केंद्र में बीजेपी की सरकार है, जिसे नीतीश कुमार का समर्थन प्राप्त है। उन्होंने सुझाव दिया कि नीतीश कुमार को इस अवसर का लाभ उठाते हुए बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज की मांग करनी चाहिए।
उन्होंने राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिहार सरकार रिटायर्ड अधिकारियों के सहारे चल रही है, जिससे राज्य लगातार संकट में फंसता जा रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की उम्र और स्वास्थ्य पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वे अब राज्य को संभालने की स्थिति में नहीं हैं और उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर अल्पसंख्यकों के प्रति दोहरे रवैये का आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार केवल अल्पसंख्यकों से वोट की उम्मीद रखते हैं, लेकिन जब वक्फ बोर्ड से जुड़े मुद्दे सामने आते हैं, तो वे चुप्पी साध लेते हैं।

