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बीजेपी के लिए ये 9 राज्य में जितना होगी बड़ी चुनौती, कई मुद्दे बनेंगे कारण 

भारतीय जनता पार्टी 2023 में होने वाले नौ राज्यों के विधानसभा चुनाव में जीत के लिए वही जज्बा दिखाना चाहती है, जो साल 2022 के गुजरात विधानसभा चुनाव में दिखा था। बीजेपी अब गुजरात विजय को पूरे देश में एक मॉडल के तौर पर पेश करना चाहती है।
दिल्ली में भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं को आगामी चुनाव का संदेश दिया। पीएम मोदी ने बूथ स्तर पर संगठन को मजबूत करने को कहा। वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि इस साल पार्टी को सभी 9 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करनी है। जेपी नड्डा ने कहा कि 2023 और 2024 का एक भी चुनाव हारना नहीं है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से चुनाव के लिए तैयार रहने का भी आह्वान किया। उन्होंने कहा कि जहां सरकार है वहां संगठन मजबूत होना चाहिए और जहां सरकार नहीं है वहां संगठन और मजबूत बनाना चाहिए।
इन राज्यों में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं
इस साल जिन 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं उनमें त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, कर्नाटक, मिजोरम, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं। इसके अलावा यह भी संभव है कि साल के अंत तक जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं। यानी इस साल कुल मिलाकर 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव हो सकते हैं। यही वजह है कि बैठक के पहले दिन कर्नाटक, त्रिपुरा, नागालैंड और मेघालय के प्रदेश अध्यक्षों ने अपनी रिपोर्ट पेश की।
गुजरात चुनाव में शानदार जीत मिली थी
पिछले कुछ वर्षों की तरह भाजपा ने अपनी मंशा साफ कर दी है कि वह हर चुनाव में जीत के अखाड़े में उतरेगी। वह हार नहीं मानता। बीजेपी ने पिछले कई चुनावों में यह साबित भी किया है। 2022 के चुनाव में हिमाचल प्रदेश में भले ही बीजेपी की हार हुई हो, लेकिन गुजरात की ऐतिहासिक जीत को बीजेपी ने बड़े जश्न और जुलूस में तब्दील कर दिया। बीजेपी के लिए गुजरात की जीत एक मॉडल है जिसे पार्टी अब अगले नौ राज्यों के विधानसभा चुनावों में रणनीति के तौर पर पेश करने जा रही है।
राजस्थान, छत्तीसगढ़ पर विशेष फोकस
यूं तो बीजेपी ने सभी नौ राज्यों में जीत का दावा किया है और सरकार बनाई है, लेकिन बीजेपी राजस्थान और छत्तीसगढ़ पर खास ध्यान दे रही है। दोनों राज्यों में कांग्रेस की सरकार है। महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन और पंजाब में हार के बाद कांग्रेस के पास ये दो राज्य बचे हैं। हालांकि, चूंकि हिमाचल प्रदेश में जीत से कांग्रेस भी उत्साहित है, इसलिए भाजपा इन दोनों राज्यों में कुछ खास रणनीति के साथ चुनाव में उतरना चाहेगी। राजस्थान में बीजेपी का नेतृत्व कौन करेगा इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। बीजेपी लंबे समय से राजस्थान में गहलोत सरकार के खिलाफ आक्रामक है और अभी से माहौल बनाना शुरू कर दिया है। उधर, छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल पर नक्सलवाद और हिंदुत्व के मुद्दे पर बीजेपी पहले ही मोर्चा खोल चुकी है।
हिंदू धर्म और धर्मांतरण का मुद्दा
हालांकि, हिंदुत्व और धर्मांतरण दो ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें बीजेपी सभी राज्यों के चुनावों में आजमा रही है, और यह मुद्दा 2023 के चुनावों में भी रहने की संभावना है। कर्नाटक, तेलंगाना और पूर्वोत्तर के राज्य इस लिहाज से अहम हैं। हालांकि, पूर्वोत्तर में प्रधानमंत्री की विकास परियोजना को चुनावी मुद्दा भी बनाया जा सकता है।
2023 के साथ-साथ 2024 पर भी नजर 
खास बात यह है कि इन राज्यों पर नजर डालें तो ये सभी पूर्व, उत्तर से दक्षिण तक आते हैं। लोकसभा की सत्रह प्रतिशत सीटें इन्हीं राज्यों से आती हैं। बीजेपी की इस बैठक में इन राज्यों की विधानसभा सीटों के साथ-साथ लोकसभा सीटों पर भी मंथन किया जा रहा है। यानी पार्टी साल 2023 के साथ-साथ 2024 भी विचाराधीन है।

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