बिहार में स्वचालित वाहन जांच केंद्रों में बड़े फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद परिवहन विभाग अब सख्त कार्रवाई की तैयारी में है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने 1 सितंबर 2025 को देशभर के पांच स्वचालित वाहन जांच केंद्रों को बंद कर दिया था, जिनमें से तीन बिहार के थे। आरोप था कि ये सेंटर बिना वाहन की उपस्थिति के ही फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर रहे थे। भागलपुर के M/s B.K. Construction & Co., दरभंगा के Aviranjan Kumar Raja और पटना के Golden Vahan Fitness Centre को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया था। शिकायतों में यह भी सामने आया था कि कई वाहनों के सिर्फ फोटो देखकर ही फिटनेस सर्टिफिकेट बना दिए गए, जबकि वाहन राज्य के बाहर थे।
इन्हीं गंभीर आरोपों की जांच के लिए परिवहन विभाग ने 10 अक्टूबर 2025 को एक विशेष समिति का गठन किया। अपर सचिव प्रवीण कुमार की अध्यक्षता वाली यह कमेटी सभी बंद केंद्रों की कार्यप्रणाली, मशीनों की कार्यशीलता और रिकॉर्ड की जांच करेगी। समिति में केंद्रों के प्रतिनिधियों के साथ सहायक परिवहन आयुक्त, आईटी प्रबंधक और तकनीकी प्रोग्रामर को शामिल किया गया है।
अब जांच प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू होने जा रही है और 28 नवंबर को सबसे पहले पटना के गोल्डेन वाहन फिटनेस केंद्र की जांच की जाएगी। विभाग ने पटना और गया के जिला परिवहन अधिकारियों और मोटरयान निरीक्षकों को मौके पर उपस्थित रहने का निर्देश दिया है। माना जा रहा है कि सीसीटीवी फुटेज और रिकॉर्ड की बारीकी से जांच होने पर फर्जी फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने की पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी।

