बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में करारी हार के बाद महागठबंधन में मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। नई दिल्ली में आयोजित कांग्रेस की समीक्षा बैठक में कई उम्मीदवारों ने राजद और उसके नेता तेजस्वी यादव को हार के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि सीट बंटवारे में देरी, रणनीतिक समन्वय की कमी और फ्रेंडली फाइट ने गठबंधन को कमजोर किया, जिससे पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
बैठक में शामिल कई नेताओं ने दावा किया कि यदि कांग्रेस बिहार में अकेले मैदान में उतरती तो उसका प्रदर्शन कहीं बेहतर होता। कुछ उम्मीदवारों ने भविष्य में RJD से अलग होकर स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की सलाह भी दी। अररिया से विजयी कांग्रेस विधायक अबिदुर रहमान ने कहा कि एनडीए सरकार द्वारा महिलाओं को 10-10 हजार रुपये देने की योजना का बड़ा चुनावी असर दिखा, जिससे विपक्ष कमजोर पड़ा। वहीं AIMIM और भाजपा ने चुनाव को धार्मिक ध्रुवीकरण की ओर मोड़ दिया, जिसका सीधा नुकसान कांग्रेस को झेलना पड़ा।
समीक्षा बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने सभी 61 उम्मीदवारों से समूहों में बातचीत की और हार की विस्तृत रिपोर्ट ली। चर्चा के दौरान कई बार बिहार कांग्रेस प्रभारी व अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों को भी कमरे से बाहर भेजा गया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि पार्टी नेतृत्व इस हार को बेहद गंभीरता से ले रहा है। सांसद तारिक अनवर ने कहा कि इतने गहन स्तर पर समीक्षा पहली बार देखने को मिली है, जिससे पार्टी के भीतर बड़े बदलावों के संकेत मिल रहे हैं।

