केंद्र सरकार ने मंगलवार को प्रशासनिक ढांचे में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की। सरकार ने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम बदलकर ‘सेवा तीर्थ’ कर दिया है। इसके साथ ही केंद्रीय सचिवालय का नाम भी परिवर्तित किया गया है, जिसे अब ‘कर्तव्य भवन’ के नाम से जाना जाएगा। यह फैसला सरकारी भवनों के नामों में व्यापक बदलाव की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
सरकार ने देशभर के राजभवनों के नाम बदलने का भी निर्णय लिया है। अब सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राजभवनों को ‘लोकभवन’ कहा जाएगा। गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों के गवर्नरों और लेफ्टिनेंट गवर्नरों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि ‘राजभवन’ शब्द औपनिवेशिक मानसिकता का प्रतीक माना जाता है। पिछले वर्ष राज्यपालों के सम्मेलन में इस विषय पर चर्चा हुई थी, जिसके आधार पर यह बदलाव लागू किए जा रहे हैं।
गृह मंत्रालय ने अपने निर्देश में कहा है कि औपनिवेशिक शब्दों को हटाने और प्रशासनिक संस्थानों को अधिक जन-केंद्रित बनाने के उद्देश्य से ‘लोकभवन’ और ‘लोक निवास’ जैसे नामों का उपयोग किया जाना चाहिए। इससे पहले भी केंद्र ने राजपथ का नाम ‘कर्तव्य पथ’ और प्रधानमंत्री आवास मार्ग का नाम ‘लोक कल्याण मार्ग’ किया था। अब नए बदलावों के बाद देशभर में सरकार की नामकरण नीति और स्पष्ट दिखाई दे रही है।

