सीमांचल में बढ़ती संदिग्ध गतिविधियों के बीच बिहार पुलिस की सबसे अहम हाई-लेवल बैठक पूर्णिया में आयोजित की जा रही है, जिससे पूरे राज्य का सुरक्षा माहौल गर्म हो गया है। इस बैठक में प्रदेश के गृह मंत्री सम्राट चौधरी, राज्यभर के शीर्ष पुलिस अधिकारी और संभवतः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हो सकते हैं। सुरक्षा विशेषज्ञ इस आयोजन को बिहार की आंतरिक सुरक्षा ढांचे की “री-इंजीनियरिंग” के रूप में देख रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार बैठक की तिथि 14–15 दिसंबर लगभग तय मानी जा रही है और इसमें सीमांचल समेत पूरे बिहार की सुरक्षा चुनौतियों की व्यापक समीक्षा होगी। चर्चाओं का केंद्र अपराध नियंत्रण, अंतर-राज्यीय गिरोहों की गतिविधियाँ, सीमा क्षेत्रों की संवेदनशीलता और खुफिया समन्वय पर रहेगा। अमित शाह की संभावित मौजूदगी इस बैठक को राजनीतिक और रणनीतिक दृष्टि से और अधिक महत्वपूर्ण बनाती है, क्योंकि केंद्र सरकार पहले से ही सीमांचल की गतिविधियों पर विशेष नज़र रखे हुए है।
पूर्णिया को इस बड़े सुरक्षा मंथन का केंद्र बनाने के पीछे स्पष्ट रणनीतिक कारण हैं। सीमांचल का भूगोल नेपाल, झारखंड और पश्चिम बंगाल की सीमाओं से जुड़ा है, जबकि किशनगंज के पार ही बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा है। यही वजह है कि यह क्षेत्र तस्करी, अवैध घुसपैठ, कट्टरपंथी गतिविधियों और सीमा-पार नेटवर्क के लिहाज़ से बेहद संवेदनशील माना जाता है। पूर्णिया की यह बैठक आने वाले समय में बिहार की सुरक्षा नीति और पुलिसिंग मॉडल में निर्णायक बदलाव की दिशा तय कर सकती है।

