शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में चुनाव सुधारों पर हुई बहस में गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को कांग्रेस द्वारा एसआईआर (SIR) को लेकर फैलायी गई “झूठी” जानकारियों का कड़ा जवाब देने का एलान किया। अमित शाह ने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संवैधानिक संस्था है और उसकी कार्यप्रणाली सरकार के नियंत्रण में नहीं है। उन्होंने सांसदों से कहा कि एसआईआर पर चर्चा सीधे तौर पर चुनाव आयोग के साथ तय की जानी चाहिए, न कि संसद में अटकलों के आधार पर।
अमित शाह ने कहा कि संसद की कार्यवाही दो दिन नहीं चल पाई और इसके पीछे विपक्ष के हंगामे को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष ने बार-बार बहस को भटकाकर एसआईआर पर जोर दिया, जबकि सरकार और एनडीए ने चुनाव सुधारों पर गम्भीर चर्चा के लिए तैयारियाँ की थीं। शाह ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस की ओर से जो बातें सामने आ रही हैं, वे तथ्यात्मक नहीं हैं और वह लोकसभा में इन्हें तर्कसहित खारिज करेंगे।
गृह मंत्री ने आगे कहा कि उन्होंने सभी पुराने एसआईआर का गहन अध्ययन किया है और जल्द ही सदन में अपने तर्क रखेंगे। अमित शाह ने यह भी दोहराया कि चुनाव सुधारों और वोटर लिस्ट की पारदर्शिता देश के लोकतंत्र के लिए जरूरी हैं, पर उन विषयों पर चर्चा का दायित्व और जवाबदेही चुनाव आयोग पर है। उन्होंने कहा कि जब विपक्ष ने सदन को बहकाया तो सरकार ने भी चर्चा के लिए कदम उठाए और आगे बातचीत जारी रखी जाएगी।

