Nationalist Bharat
राजनीति

कांग्रेस अपने कुएं से निकलने को तैयार नहीं

आभा शुक्ला
प्रशांत किशोर को कांग्रेस मैनेज नही कर पाएगी इसकी आशंका मुझे थी।आखिर कांग्रेस चाहती क्या है।पुरानी दिल्ली से थोड़े कम पुराने नेताओं के भरोसे कब तक खड़ी रह पाएगी कांग्रेस।मुझे डर है कि प्रशांत किशोर एक दिन कांग्रेस के लिए केजरीवाल पार्ट टू न साबित हो जाए।जिसकी संभावना अभी मुझे खूब लग रही है।प्रशांत किशोर अब पार्टी नही अलायंस बनाकर आएगा।और सुनिए, कांग्रेस एक दिन झक मारकर प्रशांत किशोर के साथ खड़ी होगी लेकिन अपना बचा खुचा सम्मान गंवाकर।आने वाले 5 साल आप देख लीजिए, फिर बात करिएगा।कांग्रेस का ऑफर ठुकराने के साथ ही जिस तरह से कांग्रेस को प्रशांत किशोर ने नसीहत दी है वह कांग्रेस की आंख खोलने के लिए काफी है। पिछले कुछ सालों में कांग्रेस के अंदर जो नेतृत्व के प्रति असहजता पैदा हुई है और जिस तरह से लोगों का कांग्रेस से पलायन हुआ है, उस बात को प्रशांत किशोर भली भांति समझते हैं।इसलिए उन्होंने कांग्रेस के अंदर व्यवस्थागत परिवर्तन का सुझाव दिया था।दुखद है कि जो चीज प्रशांत किशोर देख पा रहे हैं वो राहुल गांधी और सोनिया गांधी क्यों नही देख पा रहे हैं।प्रशांत किशोर की सबसे प्रैक्टिकल बात ये थी कि कांग्रेस में उपाध्यक्ष का पद गांधी परिवार से अलग हो।और हर दो साल पर नए अध्यक्ष का चुनाव हो।असल में प्रशांत किशोर अपने ‘4 एम’ वाले फॉर्मूले – मेसैज, मेसैंजर, मशीनरी और मैकेनिक्स यानी संदेश, संदेशवाहक, पार्टी तंत्र और प्रक्रिया में सुधार कर कांग्रेस में बड़े पैमाने की सर्जरी करके कांग्रेस को नया जीवन देना चाहते थे।पर कांग्रेस अपने कुएं से निकलने को तैयार नहीं हुई….मुझे कांग्रेस को लेकर अफसोस है।खैर…

Advertisement

Related posts

धारावी स्लम विकास योजना अडानी को देने के लिए बदले नियम : कांग्रेस

तेजप्रताप यादव की हरकत,राजद की मजबूरी,लालू राबड़ी और तेजस्वी यादव के गले की हड्डी,पढ़िए पूरा विश्लेषण

अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार बताया,सियासत के साथ कांग्रेस के भीतर भी खलबली मची

Nationalist Bharat Bureau

Leave a Comment