पटना: हाईकोर्ट ने पटना के राजीवनगर क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर यथास्थिति बहाल रखने का निर्देश दिया है।जस्टिस संदीप कुमार ने इस मामलें दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने वहां रह रहे नागरिकों को बिजली और पेय जल की सुविधाएं बहाल करने का निर्देश राज्य सरकार को दिया।कोर्ट ने इस बात पर कड़ी नाराजगी जाहिर की कि बिना व्यक्तिगत नोटिस दिए हुए ज़िला प्रशासन ने कार्रवाई की।कोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड के क्रियाकलापों नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उनके अधिकारियों और पुलिस के नाक के नीचे ये अतिक्रमण हुआ,तो उस समय क्यों कार्रवाई नहीं की।कोर्ट ने प्रशासन से जानना कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रविवार को क्यों किया गया।कोर्ट ने जानना चाहा कि क्या प्रशासन रविवार को काम करता है।कोर्ट ने अगली सुनवाई में डी एम, पटना,सीओ सदर, हाउसिंग बोर्ड के एम डी व एस्टेट ऑफिसर को अगली सुनवाई में उपस्थित रहने को कहा ।इस मामलें पर अगली सुनवाई 14जुलाई,2022 को होगी।
बताते चलें कि रविवार की सुबह 7:45 बजे डीएम-एसएसपी पूरे दल-बल के साथ जेसीबी और पोकलेन लेकर 90 फीट रोड में घुसे और कोर्ट के स्टे के पहले दो दिन में 100 से अधिक मकान और बाउंड्री वाॅल ताेड़कर राजीवनगर की 50 एकड़ जमीन पर कब्जा कर लिया। इसके बाद अतिक्रमणमुक्त कराई गई जमीन की कंटीले तार और पिलर से घेराबंदी कराने और बोर्ड लगाने के लिए जिला प्रशासन ने आवास बोर्ड के एमडी को पत्र भी लिखा है। दरअसल प्रशासन ने पूरे ऑपरेशन को प्लान ही इस तरह से किया था कि जब तक लोग कोर्ट से आदेश लाएंगे तब तक उनका ऑपरेशन पूरा हो चुका होगा। हुआ भी ऐसा ही। रविवार को जब कार्रवाई शुरू हुई कोर्ट बंद था। सोमवार सुबह 6 बजे से ही कार्रवाई शुरू की गई। शुरू में पूर्व सांसद पप्पू यादव के नेतृत्व में महिलाओं ने रास्ता रोका, लेकिन फिर लाठीचार्ज कर दलबल के साथ प्रशासन ने करीब सुबह 8 बजे से ही तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी। कोर्ट से स्टे आते-आते (शाम साढ़े चार बजे तक) प्रशासन शुरू में तय 40 एकड़ से भी 10 एकड़ अधिक जमीन को अपने कब्जे में ले चुका था।