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LOKSABHA ELECTION 2024:उद्धव ठाकरे के लिए खुले हैं BJP के दरवाजे…, उपमुख्यमंत्री ने दिया गठबंधन का ऑफर

  1. लोकसभा चुनाव 2024: उद्धव ठाकरे बीजेपी से जुड़ेंगे या नहीं?
  2. ये गठबंधन देश के भविष्य पर क्या असर डालेगा?
  3. उद्धव ठाकरे के लिए बीजेपी के दरवाजे क्यों खुले हैं?
  4. महाराष्ट्र में तीन राज्य चुनावों के बाद क्या सियासत का समय इस गठबंधन पर आ गया है?
  5. गठबंधन के बाद उद्धव ठाकरे की सियासत में होगा कौन सा बदलाव?

 

मुंबई: जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव(parliament election) की तारीख नजदीक आती जा रही है राजनीतिक पार्टियों में मिलने मिलाने तोड़ने जोड़ने और अंदर बाहर होने की कवायद तेज हो गई है। अभी हाल ही में बिहार में महा गठबंधन (mahagathbandhan) सरकार से उसकी एक सहयोगी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा(Hindustani avaam morcha) बाहर हो गई है। उस बिहार से जहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन की कोशिशों में है। इस सिलसिले की एक मीटिंग आगामी 23 जून को बिहार की राजधानी पटना में होने वाली है। ऐसे में महाराष्ट्र(Maharashtra) में भारतीय जनता पार्टी(Bhartiya Janata party) के नेता और उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya)के एक बयान से राजनीति तेज हो गई है।

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महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में ‘राष्ट्र में मोदी, महाराष्ट्र में शिंदे’ के विज्ञापन से राज्य का राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। इस विज्ञापन से भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं में नाराजगी का माहौल है। शिंदे गुट की तरफ से दिए गए इस विज्ञापन के बाद राजनीतिक गलियारों में गठबंधन सरकार को लेकर तरह-तरह अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं। इस बीच, बीजेपी नेता केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) ने शिवसेना (ठाकरे समूह) के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray ) को दोस्ती की पेशकश की है। इसे लेकर अब राजनीतिक चर्चाएं छिड़ गई हैं।

उद्धव ठाकरे के लिए भाजपा के दरवाजे खुले
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मोदी@9 महाजनसंपर्क अभियान के अवसर पर महाराष्ट्र के दौरे पर हैं। इस बीच उन्होंने ‘टीवी 9 मराठी’ से बात करते हुए उद्धव ठाकरे को लेकर बड़ा बयान दिया है। मौर्य ने कहा, “उद्धव ठाकरे के लिए भाजपा के दरवाजे खुले हैं।”

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हालांकि राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय जनता पार्टी(BJP) और PM नरेंद्र मोदी(PM NARENDRA MODI) की गिरती हुई लोकप्रियता से घबराकर भारतीय जनता पार्टी अब अपने पुराने सहयोगियों पर दौड़ा डालने पर मजबूर है। ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है क्योंकि हाल ही में संघ(RSS) के मुखपत्र ऑर्गेनाइजर(ORGANISER) में एक लेख छपा है जिसमें कहा गया है कि नरेंद्र मोदी का मैजिक अब काम नहीं करने वाला इसलिए अन्य विकल्पों पर भी जोड़ दिया जाए। ऐसे में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के द्वारा दिया गया या बयान भारतीय जनता पार्टी(BJP) और केंद्र की नरेंद्र मोदी(PM NARENDRA MODI) सरकार की मजबूरियों को बयान करता है।

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