पटना: बिहार की राजनीति में इन दिनों नए समीकरणों की चर्चा जोरों पर है। हालांकि बिहार में फिलहाल एनडीए की सरकार है, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महागठबंधन में वापसी को लेकर अटकलें तेज हैं। हाल ही में छठ पूजा के अवसर पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने बिहार की सरकारी व्यवस्था की सराहना करते हुए महागठबंधन के पुराने रिश्तों की यादें ताजा कर दी हैं।
लालू यादव अपने परिवार के साथ पटना के छठ घाटों का निरीक्षण करने पहुंचे। उनके साथ तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और मीसा भारती भी मौजूद थीं। लालू यादव ने स्टीमर से गंगा घाटों का दौरा किया और छठ पूजा की व्यवस्था पर संतोष व्यक्त किया। जब उनसे व्यवस्था के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे “अच्छी” बताया।
इस दौरान पत्रकारों ने लालू यादव से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की छठ पूजा में शामिल होने के बारे में पूछा, तो उन्होंने कहा, “सभी को आना चाहिए।” लालू का यह बयान भले ही प्रत्यक्ष रूप से राजनीतिक न हो, लेकिन यह उनके सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोण को दर्शाता है और नीतीश कुमार के महागठबंधन में संभावित पुन: जुड़ाव के संकेत देता है।
तेजस्वी यादव ने भी अपने सोशल मीडिया पर छठ पर्व की शुभकामनाएं देते हुए घाटों के निरीक्षण का अनुभव साझा किया। उन्होंने लिखा कि “संध्या अर्घ्य के पावन अवसर पर पटना के गंगा किनारे गायघाट से नासरीगंज तक विभिन्न घाटों पर श्रद्धालुओं के दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया।”
लंबे समय से यह चर्चा है कि नीतीश कुमार बीजेपी से नाराज हैं, और राजद नेताओं के बयानों से महागठबंधन में उनकी वापसी की अटकलों को और बल मिला है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में बिहार की राजनीति में एक बड़ा बदलाव हो सकता है।
लालू यादव का नीतीश सरकार की प्रशंसा करना और छठ पर्व के दौरान उनकी उपस्थिति को सकारात्मक संकेत माना जा सकता है। हालांकि, अभी तक किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल ने इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन इससे साफ है कि बिहार की राजनीति में बदलाव की संभावनाएं बनी हुई हैं। अगर नीतीश कुमार महागठबंधन में लौटते हैं, तो यह बिहार की राजनीति में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।