Bihar News : मुख्यमंत्री ने बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) मुख्यालय के निर्माण कार्यों का निरीक्षण किया। इस दौरान एनएचएआई और निर्माण कंपनी के अधिकारियों ने कन्हौली स्थित सेगल इंडिया लिमिटेड के कॉन्फ्रेंस हॉल में एक प्रस्तुतीकरण दिया, जिसमें निर्माण कार्य की प्रगति पर विस्तार से जानकारी दी गई।
निर्माणाधीन बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क की कुल लंबाई 25.081 किलोमीटर है, जो पटना-बक्सर चार लेन सड़क का हिस्सा है। इस सड़क में चार बाईपासों का निर्माण भी किया जा रहा है। पहला बाईपास नेऊरागंज के पास 1.20 किलोमीटर, दूसरा पैनाल के पास 1.75 किलोमीटर, तीसरा कन्हौली के पास 1.70 किलोमीटर, और चौथा बाईपास विशुनपुरा के पास 0.60 किलोमीटर का है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से इस प्रोजेक्ट को पूरा समर्थन मिल रहा है।
निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बिहटा-दानापुर एलिवेटेड सड़क के निर्माण कार्य को तेज़ी से पूरा किया जाए, ताकि लोगों का आवागमन सुगम हो सके और उनका समय भी बच सके। उन्होंने कहा कि इस सड़क को दानापुर स्टेशन के पास स्थित आरओबी से जोड़ा जाएगा, जिससे बिहटा एयरपोर्ट तक पहुंचने में सुविधा होगी।
इसके बाद, मुख्यमंत्री ने बिहटा के दिलावरपुर में बनाए जा रहे राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) मुख्यालय के भवन निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया। भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने साइट प्लान के माध्यम से एसडीआरएफ के निर्माणाधीन परिसर की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस परिसर में कई महत्वपूर्ण भवन बनाए जा रहे हैं, जिनमें प्रशासनिक भवन, 500 क्षमता वाला ऑडिटोरियम, 290 प्रशिक्षुओं के लिए प्रशिक्षण केंद्र, त्वरित आपदा टीम का भवन, क्वार्टर मास्टर स्टोर, बाढ़ राहत के प्रशिक्षण हेतु राष्ट्रीय स्तर का स्वीमिंग पुल, और 108 पदाधिकारियों व 150 कर्मचारियों के लिए आवासीय सुविधाएं शामिल हैं। इसके अलावा, 330 जवानों के लिए बैरक का भी निर्माण किया जा रहा है।
इस परियोजना को चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जा रहा है। योजना के पहले चरण में प्रशासनिक भवन, क्वार्टर मास्टर स्टोर, प्रशिक्षण भवन, त्वरित आपदा टीम भवन, बैरक, कमांडेंट आवास, डिप्टी कमांडेंट आवास, कांस्टेबल आवास और मेस का निर्माण अंतिम चरण में है, जिसे जनवरी 2025 तक पूरा किया जाएगा। शेष भवनों का निर्माण जून 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान कहा कि एसडीआरएफ मुख्यालय परिसर में बनाए जा रहे भवनों का निर्माण कार्य जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तर्ज पर वर्ष 2010 में राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) का गठन किया गया था, लेकिन पहले एसडीआरएफ के जवानों को प्रशिक्षण के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड़ता था। अब इस समस्या के समाधान के लिए राज्य में एसडीआरएफ के लिए एक स्थायी प्रशिक्षण केंद्र और अन्य सुविधाएं बनाई जा रही हैं, ताकि जवानों को सभी कार्यों के निष्पादन में सहूलियत हो सके।
निरीक्षण के दौरान विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ, भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, पथ निर्माण विभाग के सचिव संदीप पुदुकलकट्टी, पटना के जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा, राज्य आपदा मोचन बल के कमांडेंट मो. फरोगुद्दीन समेत अन्य वरीय अधिकारी मौजूद थे।

