पटना:बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन, जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश महासचिव और पार्टी के पूर्णिया कमिश्नरी के सांगठनिक प्रभारी इरशाद अली आजाद ने गुरुवार को राज्य के दो जिलों किशनगंज और दरभंगा में राज्य सरकार के द्वारा अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय के शैक्षणिक सत्र की शुरुआत को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अल्पसंख्यक समुदाय के सर्वांगीण विकास की प्रतिबद्धता बताते हुए कहा कि आजादी के बाद देश में पहली बार ऐसी व्यवस्था की गयी है जो ऐतिहासिक और अनुकरणीय है। खास बात यह है कि इससे शुद्ध रूप से अल्पसंख्यक आबादी सशक्त होगी और शिक्षा के क्षेत्र में अपना परचम लहरायेगी।
इरशाद अली आज़ाद ने कहा कि इस योजना के तहत राज्य के प्रत्येक जिले में एक एक अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय खोला जाना है। 5 दिसंबर 2024 ऐतिहासिक दिन है जब दरभंगा और किशनगंज के कुचाधामन ब्लॉक के डेरामारी मोजाबारी की अंजुमन इस्लामिया वक्फ संख्या 1257 की पांच एकड़ जमीन पर 55 करोड़ की अनुमानित लागत से बने इस अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय के शैक्षणिक सत्र की शुरुआत हुई.पूर्णिया और मधुबनी में भी अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय को मंजूरी मिल चुकी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार बाकी जिलों में भी अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और जल्द ही उन जिलों में भी स्कूलों को मंजूरी दे दी जायेगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अल्पसंख्यकों की शिक्षा एवं विकास के लिए प्रतिबद्ध एवं गंभीर है.

जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश महासचिव ने अल्पसंख्यक आबादी के शैक्षणिक विकास के लिए अल्पसंख्यक आवासीय विद्यालय को मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इन आवासीय विद्यालयों से अल्पसंख्यक छात्रों को काफी मदद मिलेगी और उनका आर्थिक बोझ भी कम होगा उन्हें अपनी शैक्षिक यात्रा जारी रखने में मदद मिलेगी। स्कूल में छात्रों के लिए सभी सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। किताबें, ड्रेस और अन्य जरूरी चीजें मुफ्त दी जाएंगी ताकि छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में कोई परेशानी या कठिनाई न हो।

इरशाद अली आज़ाद ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को धन्यवाद देते हुए कहा कि बिहार की अल्पसंख्यक आबादी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की आभारी है क्योंकि जिस क़ौम के बच्चों को शिक्षा के लिए चीन तक सफर करने की बात कही गई हो उस क़ौम के बच्चों के लिए उनके आस पास में आवासीय विद्यालय की व्यवस्था कर मुख्यमंत्री ने एक ऐसी मिसाल कायम की है जो सदियों तक याद रखी जायेगी।
बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष ने अल्पसंख्यक आबादी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों को मजबूत करने की भी अपील की ताकि उनकी सामाजिक, वित्तीय और शैक्षणिक प्रगति जारी रहे।

