पटना:समूह से संगठित होकर एक बड़े संगठन का गठन करते हुए ग्रामीण परिवेश की महिलाएं स्वरोजगार, स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण को बढ़ावा दे रही हैं। इसका सफल उदाहरण है बिहार सरस मेला में सुसज्जित विभिन्न स्वयं सहायता समूहों के संगठन के स्टॉल । शिल्पग्राम महिला प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का स्टॉल भी जीविका दीदियों के संगठित होने और फिर संगठन बनकर ग्रामीण महिलाओं द्वारा उत्पादित हस्तशिल्प को प्रोत्साहन देने की गाथा को प्रदर्शित कर रहा है। शिल्पग्राम के माध्यम से राज्य भर के विभिन्न जिलों के महिलाओं द्वारा निर्मित हस्तशिल्प, खादी, सिल्क, एवं कॉटन के परिधान, लोक कलाकृतियां जैसे उत्पादों को संग्रहित कर ऑनलाइन तथा सरस मेला जैसे बड़े बाज़ार से बिक्री कर आर्थिक सशक्तिकरण किया जा रहा है। शिल्पग्राम से राज्य भर के विभिन्न जिलों से 500 से अधिक ग्रामीण महिलाएं जुड़ी हुई हैं। 100 महिलाएं शिल्पग्राम के संचालन से भी जुड़ी हैं। इससे उन शिल्पकारों को फायदा हो रहा है जो बाजार एवं प्रोत्साहन के अभाव में खुद के द्वारा उत्पादित वस्तुओं की बिक्री नहीं कर पाती थीं। अब वो अपने उत्पादों की बिक्री सीधे शिल्पग्राम को करती हैं। शिल्पग्राम उन्हें मांग के अनुरूप बाजार में बेच रहा है । चार दिनों में शिल्पग्राम से 70 हजार से अधिक के परिधानों एवं हस्तशिल्प की बिक्री हुई है।
शिल्पग्राम के तर्ज पर ही दीदी की रसोई, दीदी का अधिकार केंद्र, मधुग्राम आदि संगठन जीविका दीदियों द्वारा संचालित हैं ।सभी के स्टॉल सरस मेला में सुसज्जित हैं और आगंतुकों को बिहार की धरोहरों से अवगत कराया जा रहा है साथ ही महिलाओं को स्वरोजगार, स्वावलंबन , सशक्तिकरण कराते हुए उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कर रहे हैं। सरस मेला में इसकी बानगी प्रदर्शित है । इसके साथ ही देश 25 राज्यों आई स्वयं सहायता समूह की महिला उद्यमी एवं स्वरोजगारी अपने-अपने प्रदेश के शिल्प,संस्कृति एवं देशी व्यंजनों से आगंतुकों को परिचित करा रहे हैं l

बिहार सरस मेला ग्रामीण विकास के मार्गदर्शन में जीविका द्वारा गांधी मैदान, पटना में 26 दिसंबर 24 तक आयोजित है। मेला में प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग पधार रहे हैं और अपनी लोक संस्कृति, लोककला, परंपरा, हस्तशिल्प, भाषा, लोकगीत, लोक नृत्य एवं देशी व्यंजनों से रूबरू हो रहे हैं। घर सजावट के समान से लेकर रसोई घर के लिए वस्तुएं और व्यंजन, विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी, फुलवारी और घर के लिए विभिन्न प्रकार के पौधे आदि उपलब्ध हैं। फ़ूड ज़ोन, फन ज़ोन, सेल्फी ज़ोन एवं पालना घर भी आकर्षण के केंद्र बने हुए हैं l विभिन बैंक और विभागीय स्तौलसे लोग सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं से लाभान्वित हो रहे हैं l
महज चार दिनों में खरीद-बिक्री का आंकड़ा 3 करोड़ पार गया है l ढाई लाख से अधिक लोग आये l रविवार को 1 करोड़ 7 लाख रुपये के उत्पादों एवं व्यंजनों की खरीद-बिक्री हुई है l
खरीद- बिक्री के साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम, सम-सामयिक विषयों पर चर्चा और सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन एवं आगंतुकों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिदिन नुक्कड़ नाटक आदि का भी प्रस्तुति हो रही है l

सोमवार को रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया के तत्वाधान में इमैजिनेशन बिहार के कलाकारों द्वारा सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन एवं वित्तीय लेन-देन के प्रति आगंतुकों को जागरूक किया गया l सेमिनार हाल में एग्रो किसान के तत्वाधान में हाइड्रोपोनिक हरा चारा मशीन के बारे में जीविका दीदियों और दर्शकों को बताया गया l सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत पर्यटन विभाग के तत्वाधान में गजल गायन की प्रस्तुति की गई l “हम तेरे शहर में आये हैं मुसफिर की तरह और ना जी भर के देखा –ना कुछ बात की” समेत कई गजलों की प्रस्तुति की गई l पटना के लोक कलाकारों ने झिझिया, जट –जटीन, कजरी आदि की प्रस्तुति की l “मोह रंग और बैरन कोयलिया पिया को लिए जा रे जैसे लोक गीतों पर लोक नृत्य की प्रस्तुति ने दर्शकों को झुमाया l

