पटना: बिहार की सियासत में एक नया मोड़ आने वाला है। बिहार के युवा नेता निशिकांत सिन्हा के नेतृत्व में 24 जून 2025 को पटना के बापू सभागार, सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर में ‘जन आशीर्वाद हक हुंकार रैली’ का आयोजन किया जा रहा है। इस रैली के दौरान निशिकांत सिन्हा एक नई राजनीतिक पार्टी की घोषणा करने वाले हैं, जो बिहार के युवाओं, महिलाओं और वंचित वर्गों के हक और न्याय के लिए संघर्ष करने का संकल्प ले रही है।
सोशल मीडिया पर निशिकांत सिन्हा को मिल रहे व्यापक समर्थन से उत्साहित, यह रैली बिहार की राजनीति में बदलाव की शुरुआत मानी जा रही है। एक्स पर कई यूजर्स ने इस रैली को बिहार के सामाजिक और राजनीतिक परिदृश्य में एक नई लहर के रूप में देखा है। एक यूजर ने लिखा, “निशिकांत सिन्हा को बिहार की जनता का भरपूर सहयोग मिल रहा है। 10% के राज को खत्म कर हम अपना हक लेंगे।”निशिकांत सिन्हा ने अपने संदेश में कहा कि उनकी नई पार्टी बिहार के उन लोगों की आवाज बनेगी, जो दशकों से उपेक्षित हैं। उनका विशेष जोर कुशवाहा समाज सहित अन्य पिछड़े और वंचित समुदायों पर है। रैली में सामाजिक न्याय, आर्थिक समानता, और युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों पर चर्चा होगी। निशिकांत का नारा, “नहीं चलेगा 10% का राज, हम लेकर रहेंगे अपना अधिकार,” बिहार के आम लोगों में खासा लोकप्रिय हो रहा है।
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और ऐसे में निशिकांत सिन्हा की नई पार्टी की घोषणा ने सियासी हलचल तेज कर दी है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि निशिकांत की यह पहल मौजूदा दलों के लिए चुनौती बन सकती है, खासकर उन दलों के लिए जो सामाजिक न्याय के मुद्दे पर अपनी पकड़ बनाए रखना चाहते हैं।पटना के बापू सभागार में होने वाली इस रैली में हजारों समर्थकों के शामिल होने की उम्मीद है। आयोजकों ने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर बिहार के बदलाव में सहयोग देने की अपील की है।

एक्स पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया है कि निशिकांत सिन्हा का मुख्य फोकस कुशवाहा समाज पर है, जो बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण वोट बैंक माना जाता है। हालांकि, निशिकांत ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी सभी वंचित वर्गों और युवाओं के लिए काम करेगी।
निशिकांत सिन्हा ने बिहार की जनता से अपील की है कि वे 24 जून को बापू सभागार में पहुंचकर इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनें। उन्होंने कहा, “यह रैली सिर्फ एक सभा नहीं, बल्कि बिहार के नवनिर्माण का संकल्प है। हम सब मिलकर बिहार को एक नई दिशा देंगे।”
बिहार की सियासत में निशिकांत सिन्हा की इस नई पहल का असर क्या होगा, यह तो वक्त बताएगा, लेकिन इतना तय है कि ‘जन आशीर्वाद हक हुंकार रैली’ बिहार के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हो सकती है।

