पटना: घटना की सूचना मिलते ही बिहटा अंचलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर राजस्व कर्मचारी मनीष कुमार मौके पर पहुंचे और प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट अंचलाधिकारी को सौंप दी है। अब उच्चस्तरीय भू-वैज्ञानिक जांच की मांग उठ रही है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार राजधानी पटना सहित आसपास के क्षेत्रों में मूसलधार बारिश के बाद एक गंभीर स्थिति सामने आई है। पटना जिले के बिहटा प्रखंड अंतर्गत कोरहर गांव में मंगलवार को जमीन धंसने की घटनाएं दर्ज की गई हैं। गांव के कई हिस्सों में 150 से 200 फीट लंबाई तक मिट्टी खिसक गई है और जगह-जगह चार से पांच फीट गहरे गड्ढे बन गए हैं। इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। बारिश के बाद जमीन के भीतर से मिट्टी खिसकने और दबाव के चलते यह घटना हुई बताई जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले जमीन में दरारें दिखीं और धीरे-धीरे कुछ स्थानों पर जमीन धंसती चली गई।
घटना की सूचना मिलते ही बिहटा अंचलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर राजस्व कर्मचारी मनीष कुमार मौके पर पहुंचे और प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट अंचलाधिकारी को सौंप दी है। अब उच्चस्तरीय भू-वैज्ञानिक जांच की मांग उठ रही है।
स्थानीय किसान जयविंद्र सिंह ने बताया कि तीन साल पहले भी इसी प्रकार की घटना इसी गांव में हुई थी। इस बार भी वही स्थिति सामने आई है। उन्होंने बताया कि गांव से महज 100 से 200 मीटर की दूरी पर वायुसेना का परिसर है, और बिहटा एयरपोर्ट के विस्तारीकरण की योजना भी चल रही है। ऐसे में इलाके में हो रहे निर्माण कार्यों या भूमि की सतह पर बढ़ते दबाव को लेकर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार और केंद्र सरकार से भूवैज्ञानिक जांच कराने की मांग की है।
गांव के ही निवासी विनय कुमार सिंह ने बताया कि खेतों में गड्ढे और दरारें आने के कारण खेती करना भी खतरनाक हो गया है। “खेत में जाते हैं तो डर लगता है कि कहीं और मिट्टी न धंस जाए। ग्रामीणों की मांग है कि इस घटना की वैज्ञानिक स्तर पर जांच करवाई जाए और ज़रूरत पड़ी तो लोगों को सुरक्षित स्थान पर पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। गौरतलब है कि कोरहर गांव की आबादी करीब 1200 से 1500 लोगों की है। लगातार बारिश के बीच जमीन धंसने की यह घटना अब जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग के लिए चिंता का विषय बन गई है।

