पटना: बिहार की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने चुनाव आयोग और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर मतदाता सूची में धोखाधड़ी और साजिश का गंभीर आरोप लगाया है। तेजस्वी ने अपने सोशल मीडिया पेज पर एक सनसनीखेज खुलासा करते हुए बीजेपी के बिहार प्रभारी और गुजरात निवासी भीखू भाई दलसानिया के बिहार की मतदाता सूची में शामिल होने का मामला उठाया, जिससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

तेजस्वी यादव ने अपने पोस्ट में लिखा कि भीखू भाई दलसानिया, जो गुजरात के निवासी और बीजेपी के बिहार प्रदेश संगठन महामंत्री हैं, को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। उन्होंने दावा किया कि दलसानिया ने 2024 के लोकसभा चुनाव में गुजरात के गांधीनगर में मतदान किया था, लेकिन अब बिहार विधानसभा चुनाव के लिए उनकी मतदाता सूची में नाम शामिल कर लिया गया है। तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा, “बिहार चुनाव खत्म होगा तो फिर दूसरे राज्य के मतदाता बन जाएंगे। उन्हें बताना चाहिए कि वे पांच वर्ष में कितनी बार और कितने राज्यों में मतदान करते हैं।”

तेजस्वी ने आरोप लगाया कि दलसानिया का नाम बिहार की मतदाता सूची में बिना किसी पते या मकान नंबर के दर्ज किया गया है। हैरानी की बात यह है कि उनका नाम हिंदी में नहीं, बल्कि गुजराती भाषा में लिखा गया है, जिसे तेजस्वी ने हिंदी भाषी मतदाताओं को भ्रमित करने की साजिश करार दिया। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग की महिमा अपरंपार है, लेकिन इस बार हम एक-एक चीज देख रहे हैं। बिहार में वोट चोरी नहीं चलने देंगे।”इसके अलावा, तेजस्वी ने मतदाता सूची में व्यापक गड़बड़ियों की ओर इशारा किया। उन्होंने पहले भी दावा किया था कि बिहार में 65 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम मनमाने ढंग से हटाए गए हैं, और 3 लाख से अधिक मतदाताओं के पते में मकान नंबर ‘0000’ दर्ज है। उन्होंने इसे लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताया और चुनाव आयोग की प्रक्रिया को संदिग्ध करार दिया।
तेजस्वी यादव अब पूरी तरह आक्रामक मूड में नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह और उनकी पार्टी RJD, बीजेपी और चुनाव आयोग की कथित साजिश को तथ्यों के आधार पर बेनकाब करते रहेंगे। तेजस्वी ने यह भी घोषणा की कि वह कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ मिलकर “वोट अधिकार यात्रा” शुरू करेंगे, ताकि बिहार के मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा की जा सके।उन्होंने चुनाव आयोग पर सत्ताधारी बीजेपी के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया और कहा, “चुनाव आयोग की विश्वसनीयता खत्म हो चुकी है। जहां आयोग की निष्पक्षता संदिग्ध हो, वहां लोकतंत्र नहीं, सत्तातंत्र चलता है।” तेजस्वी ने यह भी सवाल उठाया कि जब आधार कार्ड को वोटर आईडी से जोड़ने की बात थी, तो बिहार में यह प्रक्रिया क्यों नहीं लागू की गई, और क्यों 25 दिनों में 8 करोड़ मतदाताओं की नई सूची तैयार करने की जल्दबाजी की जा रही है।

बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मतदाता सूची को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। तेजस्वी यादव के तीखे हमलों और ठोस सबूतों ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली और बीजेपी की मंशा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनकी “वोट अधिकार यात्रा” और सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की रणनीति से साफ है कि RJD इस मुद्दे को जनता के बीच ले जाकर सत्ताधारी गठबंधन को घेरने की पूरी तैयारी में है।आने वाले दिनों में यह सियासी घमासान और तेज होने की संभावना है, क्योंकि तेजस्वी यादव ने स्पष्ट कर दिया है कि वह बिहार के मतदाताओं के अधिकारों की रक्षा के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

