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मुजफ्फरपुर में फिर मंडराया बाढ़ का खतरा: बागमती नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है

उत्तर बिहार के कई जिलों में एक बार फिर बाढ़ का खतरा गहराने लगा है। मुजफ्फरपुर जिले के कटरा, औराई और गायघाट प्रखंडों में हालात तेजी से बिगड़ते नजर आ रहे हैं। नेपाल के तराई क्षेत्र में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बागमती नदी उफान पर है और उसका जलस्तर खतरे के निशान को पार करने के करीब पहुंच गया है।

जल संसाधन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बागमती नदी के जलस्तर में प्रतिघंटा 2 से 3 सेंटीमीटर की तेजी से वृद्धि हो रही है। खासकर कटरा प्रखंड के बेनीबाद और बांधपार इलाके में नदी का पानी तटबंधों को छूने लगा है। ग्रामीणों में दहशत का माहौल है और कई जगहों पर लोग ऊँचे स्थानों की ओर पलायन करने लगे हैं।

पिछले 24 घंटों में बागमती का पानी पीपा पुल के पास से होकर बहने लगा है जिससे कटरा–सीतामढ़ी मुख्य मार्ग पर यातायात बाधित हो गया है। दर्जनों गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। बच्चों की पढ़ाई, आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति और आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं।

प्रशासन अलर्ट मोड में

जिला प्रशासन ने हालात को देखते हुए एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल) और एनडीआरएफ की टीमों को तैयार रहने का निर्देश दिया है। संभावित बाढ़ प्रभावित इलाकों में नावों, राहत शिविरों और खाद्यान्न की व्यवस्था की जा रही है। डीएम प्रणव कुमार ने बताया कि “स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है। सभी अंचल अधिकारियों और संबंधित विभागों को सतर्क किया गया है।”

किसानों को भारी नुकसान की आशंका

कटरा, औराई और गायघाट के किसानों की खरीफ फसलें बाढ़ के पानी में डूबने लगी हैं। धान, मक्का और सब्जियों की खेती पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। यदि जलस्तर इसी रफ्तार से बढ़ता रहा तो हजारों हेक्टेयर फसलें नष्ट हो सकती हैं, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होगा। राज्य सरकार से मुआवजे की मांग भी उठने लगी है।

ग्रामीणों में भय का माहौल

गांव के निवासी, खासकर महिलाएं और बुजुर्ग, बेहद चिंतित हैं। कई परिवारों ने घर छोड़कर स्कूल और पंचायत भवन जैसे सुरक्षित स्थानों पर शरण लेना शुरू कर दिया है। पीने के पानी, राशन और चिकित्सा जैसी मूलभूत जरूरतें अभी से संकट में हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ की स्थिति हर साल बनती है लेकिन स्थायी समाधान नहीं हो पा रहा। स्थानीय सामाजिक संगठनों ने सरकार से अपील की है कि तटबंधों की मजबूती, राहत सामग्री की पूर्व तैयारी और स्थायी पुनर्वास योजनाओं पर तुरंत ध्यान दिया जाए।बागमती नदी का बढ़ता जलस्तर मुजफ्फरपुर के लिए खतरे की घंटी है। यदि जल्द ही हालात पर नियंत्रण नहीं पाया गया तो स्थिति गंभीर हो सकती है। प्रशासन की तत्परता जरूरी है, लेकिन दीर्घकालिक समाधान के लिए सरकार को ठोस नीति बनानी होगी, जिससे हर साल की यह त्रासदी रुके।

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