नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र कुमार जैन से जुड़ी ₹7.44 करोड़ की संपत्तियों को कुर्क किया है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत की गई है, और इसके साथ ही इस मामले में कुर्क की गई कुल संपत्ति ₹12.25 करोड़ हो गई है। यह कार्रवाई 15 सितंबर, 2025 को हुई है।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2017 में दायर एक प्राथमिकी से जुड़ा है, जिसमें सत्येंद्र जैन पर 2015 से 2017 के बीच दिल्ली सरकार में मंत्री रहते हुए आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया था। ईडी की जांच में पता चला कि 2015-16 के दौरान, जब जैन एक लोक सेवक थे, तो उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों को शेल (फर्जी) कंपनियों से ₹4.81 करोड़ की एंट्री प्राप्त हुई थी। यह पैसा हवाला के जरिए कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को भेजी गई नकदी के बदले में आया था। आरोप है कि इस रकम का उपयोग दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि खरीदने में किया गया।
यह मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा 2017 में दायर एक प्राथमिकी से जुड़ा है, जिसमें सत्येंद्र जैन पर 2015 से 2017 के बीच दिल्ली सरकार में मंत्री रहते हुए आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया गया था। ईडी की जांच में पता चला कि 2015-16 के दौरान, जब जैन एक लोक सेवक थे, तो उनके द्वारा नियंत्रित कंपनियों को शेल (फर्जी) कंपनियों से ₹4.81 करोड़ की एंट्री प्राप्त हुई थी। यह पैसा हवाला के जरिए कोलकाता स्थित एंट्री ऑपरेटरों को भेजी गई नकदी के बदले में आया था। आरोप है कि इस रकम का उपयोग दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि खरीदने में किया गया।
ताजा कार्रवाई की जानकारी
- इस ताजा कार्रवाई में, ईडी ने ₹7.44 करोड़ की संपत्ति कुर्क की है।
- यह राशि नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद जैन के सहयोगियों द्वारा कथित तौर पर अग्रिम कर के रूप में जमा की गई थी।
- उन्होंने चार कंपनियों के नाम पर ₹16.53 करोड़ की संपत्ति घोषित की थी, जिन्हें बाद में अधिकारियों ने जैन द्वारा नियंत्रित माना।
- आयकर विभाग, दिल्ली उच्च न्यायालय और सुप्रीम कोर्ट ने भी इन संपत्तियों को बेनामी माना था

