पटना। बिहार की राजधानी पटना के लिए आज का दिन ऐतिहासिक है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को पटना मेट्रो के पहले चरण का उद्घाटन करने जा रहे हैं। लंबे इंतजार के बाद अब राजधानीवासियों को मेट्रो यात्रा की सुविधा मिलने जा रही है। आम जनता के लिए 7 अक्टूबर 2025 से यह सेवा शुरू होगी। पहले चरण में ब्लू लाइन (Blue Line) पर मेट्रो चलाई जाएगी, जो ISBT (पाटलिपुत्र बस टर्मिनल) से ज़ीरो माइल (Zero Mile) और भूतनाथ स्टेशन (Bhootnath Station) तक लगभग 4 किलोमीटर के दायरे में चलेगी। इस रूट पर सफर का समय करीब 10 मिनट का होगा और किराया ₹15 से ₹30 के बीच रखा गया है। पटना मेट्रो परियोजना को शहर की यातायात व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव के रूप में देखा जा रहा है।
मेट्रो ट्रेनें पूरी तरह आधुनिक तकनीक से सुसज्जित हैं। हर कोच में CCTV कैमरे, स्वचालित दरवाज़े, एसी व्यवस्था, मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट्स जैसी सुविधाएँ दी गई हैं। ट्रेन के अंदर और स्टेशनों की दीवारों को मधुबनी कला की झलक के साथ सजाया गया है, जिससे बिहार की लोक संस्कृति का रंग भी झलकेगा। सुरक्षा और सुविधा के लिए सभी स्टेशन पर एस्केलेटर, लिफ्ट, फायर सेफ्टी सिस्टम, और स्वचालित टिकटिंग गेट्स लगाए गए हैं। मेट्रो के संचालन का समय सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक रहेगा। ट्रायल रन के दौरान मेट्रो ने सफलतापूर्वक सभी तकनीकी मानकों को पूरा किया है। परियोजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि पटना मेट्रो शहर के विकास और पर्यावरण दोनों के लिए लाभकारी साबित होगी, क्योंकि यह प्रदूषण और ट्रैफिक जाम को कम करने में मदद करेगी।
पटना मेट्रो प्रोजेक्ट (Patna Metro Project) को लगभग ₹13,500 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। इसे दो मुख्य कॉरिडोर में बांटा गया है — कॉरिडोर-1 (दानापुर से मीठापुर) और कॉरिडोर-2 (पटना जंक्शन से बैरिया)। पहले चरण के सफल संचालन के बाद अगले चरणों में मेट्रो सेवा को शहर के प्रमुख इलाकों जैसे पटना जंक्शन, बेली रोड, एग्ज़िबिशन रोड, और मीठापुर तक विस्तार दिया जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि पटना मेट्रो बिहार की अर्थव्यवस्था और शहरी परिवहन ढांचे को नई दिशा देगी। इसके शुरू होने से प्रतिदिन लाखों यात्रियों को राहत मिलेगी और शहर में स्मार्ट सिटी मिशन, ग्रीन ट्रांसपोर्ट और सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लक्ष्य को भी गति मिलेगी। मेट्रो के उद्घाटन से बिहार एक नए विकास अध्याय में कदम रख चुका है और यह राज्य की आधुनिक पहचान का प्रतीक बनने जा रही है।

