नई दिल्ली, 3 नवम्बर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अनुसंधान एवं विकास (R&D) क्षेत्र में निजी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सोमवार को 1 लाख करोड़ रुपये के अनुसंधान नवाचार कोष की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि भारत अब उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव वाली रिसर्च परियोजनाओं का समर्थन कर रहा है ताकि देश विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वैश्विक महाशक्ति के रूप में उभर सके।
प्रधानमंत्री मोदी ने पहले उभरते विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सम्मेलन (ESTIC) का उद्घाटन करते हुए कहा कि उनकी सरकार ने बीते वर्षों में अनुसंधान, स्टार्टअप और नवाचार को तेज करने के लिए कई बड़े सुधार किए हैं। उन्होंने बताया कि भारत आज ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में तेजी से आगे बढ़ रहा है और युवा वैज्ञानिकों के लिए अवसरों का दायरा लगातार बढ़ रहा है।
सम्मेलन में संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि देश में आधुनिक नवाचार इकोसिस्टम तैयार करने का लक्ष्य है, जहां निजी क्षेत्र, वैज्ञानिक संस्थान और स्टार्टअप मिलकर भविष्य की तकनीकों का विकास कर सकें। इस कोष से एआई, क्वांटम टेक्नोलॉजी, सेमीकंडक्टर, अंतरिक्ष विज्ञान और बायोटेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में बड़े बदलाव की उम्मीद है।

