लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा प्रशासनिक फैसला लेते हुए साफ कर दिया है कि अब आधार कार्ड को जन्म प्रमाणपत्र या जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। नियोजन विभाग के विशेष सचिव अमित सिंह बंसल ने सभी विभागों को इस संबंध में आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है। सरकार का कहना है कि आधार के साथ किसी व्यक्ति का जन्म प्रमाणपत्र संलग्न नहीं होता, इसलिए इसे जन्म तिथि का सत्यापित दस्तावेज नहीं माना जा सकता।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने भी पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि आधार कार्ड केवल पहचान का दस्तावेज है, न कि जन्म तिथि का प्रमाण। इसी आधार पर अब किसी भी सरकारी कार्य, सेवा, भर्ती प्रक्रिया या दस्तावेज़ सत्यापन में आधार को जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसके स्थान पर वैध जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल रिकॉर्ड या सरकार द्वारा मान्य अन्य दस्तावेज़ प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
सरकार के इस नए नियम के लागू होते ही आधार कार्ड की वैधता जन्म संबंधित प्रमाणन में समाप्त हो गई है। अब आधार का उपयोग केवल पहचान संबंधी प्रक्रियाओं तक सीमित रहेगा। नया आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो चुका है और सभी विभागों को इसके कड़ाई से पालन करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

