राजद के पूर्व विधायक और दानापुर के कद्दावर नेता रीतलाल यादव की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पटना पुलिस की जांच रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि रीतलाल अपने क्षेत्र में संगठित आपराधिक गिरोह संचालित करते हैं और इसी नेटवर्क के जरिए करोड़ों की अवैध संपत्ति बनाई गई है। पुलिस ने यह विस्तृत रिपोर्ट प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सौंप दी है, जिसके बाद ईडी अब उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज करने की तैयारी में है। पुलिस पहले ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
खगौल थाना क्षेत्र में दर्ज संगठित गिरोह संचालन की जांच के दौरान पुलिस और एसआईटी ने रीतलाल यादव एवं उनके परिजनों की संपत्तियों का विस्तृत ब्योरा जुटाया। जांच में बड़ा खुलासा हुआ कि कोथवां मौजा की करीब तीन एकड़ गैर-मजरुआ सरकारी जमीन पर रीतलाल के गिरोह के सदस्यों ने कब्जा कर 4000 वर्गफीट में चहारदीवारी खड़ी की थी। रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि ‘रामाशीष चौक’ का निर्माण भी कब्जाई गई सरकारी भूमि पर ही हुआ था। दानापुर क्षेत्र में जमीन कब्जा, रंगदारी और धमकी जैसे मामलों में उनके कई सहयोगियों की भी भूमिका सामने आई है।
मामले की जांच में यह भी पाया गया कि मुस्तफापुर मौजा की 76 डिसमिल जमीन पर 16 दुकानों का निर्माण कर किराया वसूला जा रहा था, जिसे गिरोह के सदस्य सिंटू और सन्नी उर्फ रोहित संभालते थे। जिला प्रशासन ने यह भूमि 15 मई 2025 को कब्जामुक्त कराई थी। इसी बीच, बिल्डर से 50 लाख रुपये रंगदारी मांगने और हत्या की धमकी देने के मामले में रीतलाल यादव, उनके भाई पिंकू और अन्य आरोपी पहले से ही जेल में बंद हैं। लगातार खुलासों के बाद अब ईडी की कार्रवाई का खतरा और गहरा गया है।

