पटना:बिहार में लालू प्रसाद यादव पर परिवारवाद का आरोप लगाकर अपनी राजनीति चमकाने वाले एनडीए और उसके घटक दल भी अपने परिवार को आगे बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वह चाहे भारतीय जनता पार्टी हो या हिंदुस्तानी एवं मोर्चा जिसमें नेताओं के परिवार को विधानसभा से लेकर लोकसभा तक के टिकट दिए गए हैं। ताजा मामले में लोग जनशक्ति पार्टी रामविलास के अध्यक्ष चिराग पासवान ने जमुई से अपनी छोड़ी हुई सीट से अपने बहनोई को चुनाव में उतारने का फैसला किया है।
खबरों के मुताबिक बुधवार को चिराग पासवान ने अपने बहनोई अरुण भारती को जमुई लोकसभा सीट से अपनी पार्टी का उम्मीदवार बनाया है और उन्हें पार्टी का निशान भी प्लॉट कर दिया है।अरुण भारती चिराग पासवान के अपने बहनोई हैं। रामविलास पासवान और रीना पासवान के दो बच्चे हैं, एक चिराग पासवान और दूसरी निशा पासवान। अरुण भारती निशा पासवान के पति हैं और पेशे से इंजीनियर हैं।
लोकसभा सीट से चिराग की पार्टी का सिंबल मिलने के बाद फोटो शेयर करते हुए अरुण भारती ने सोशल मीडिया पर चिराग पासवान का आभार व्यक्त करते हुए लिखा कि हमारे नेता एवं पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आदरणीय श्री चिराग़ पासवान जी के द्वारा मुझे जमुई लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए पार्टी का सिंबल प्रदान किया गया है। मैं पार्टी और राष्ट्रीय का आभार प्रकट करता हूं जिन्होंने मुझपर भरोसा जताया। मैं पापा जी द्वारा दिखाए गये पद चिन्हों पर आगे बढूँगा और चिराग जी के नेतृत्व में हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के लिए अबकी 400 पार के लिए अपना योगदान दूंगा।जमुई के विकास लिए मैं हमेशा तत्पर हूँ । मुझे पूर्ण भरोसा है की जमुई लोकसभा की जनता मुझे अपना आशीर्वाद देगी।
स्पीच सोशल मीडिया पर अरुण भारती को उम्मीदवार बनाए जाने की तिथि प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है खुद अरुण भारती के सोशल मीडिया पेज पर ही लोगों ने इस बात पर तीखा प्रहार करते हुए जोरदार हमला किया है। एक यूजर ने लिखा कि कोशिश करिए कि आप जी आपकी जीत पक्की हो लेकिन ऐसा लग रहा है कि इस बार चिराग पासवान की पार्टी भी जीरो पर जाएगी क्योंकि धरातल पर लग की बिहार जनता ने इस बार मन बना लिया है की महा गठबंधन की ही उम्मीदवार को जीतेंगे ।बाकी आप अपना कोशिश करिए।
एक और यूजर ने लिखा कि देश का बड़ा दुर्भाग्य हो गया है साथ ही साथ जमुई का भी ! आप जैसे नेता हवाई जहाज से सीधा जमुई आ जाते हैं I क्या पार्टी का कोई संगठन करता को टिकट नहीं दिया जा सकता था ? अपने आप को जयप्रकाश नारायण कर्पूरी ठाकुर के चिन्ह पर चलने वाले लोग का क्या ही समाजवाद है I चिराग जी आपने तो कम से कम यह उम्मीद नहीं थी I