मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसकेएमसीएच) के आईसीयू में भर्ती सुनीता, जो अपनी दोनों किडनी गंवाने के बाद वर्षों तक जीवन के लिए संघर्ष करती रहीं, अंततः सोमवार को मौत के मुंह में समा गईं। मुजफ्फरपुर जिले की रहने वाली सुनीता एक अवैध नर्सिंग होम में ऑपरेशन के दौरान झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही का शिकार बनी थीं। इस घटना में गर्भाशय के ऑपरेशन के दौरान उनकी दोनों किडनी निकाल ली गई थी, जिसके बाद से उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई और अंततः उनकी मृत्यु हो गई।यह मामला पिछले साल उस वक्त सामने आया था, जब मुजफ्फरपुर के बरियारपुर थाना क्षेत्र में स्थित एक अवैध नर्सिंग होम में सुनीता का गर्भाशय का ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन के दौरान उनकी दोनों किडनी गलती से निकाल दी गई थीं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था। सितंबर 2022 में सुनीता को एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था और तब से उनका वहीं इलाज चल रहा था।इस दर्दनाक घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एसकेएमसीएच जाकर सुनीता से मुलाकात की और उनकी आर्थिक मदद भी की थी। पिछले महीने, जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा मुजफ्फरपुर में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के उद्घाटन के लिए आए थे, तब भी सुनीता ने उनसे मिलकर किडनी ट्रांसप्लांट की मांग की थी।सुनीता सितंबर 2022 से एसकेएमसीएच के आईसीयू में भर्ती थीं और उनकी हालत धीरे-धीरे बिगड़ती जा रही थी। सितंबर के अंत में उन्हें तेज बुखार और सांस लेने में कठिनाई होने लगी। उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया, लेकिन उनकी स्थिति इतनी नाजुक हो चुकी थी कि वे चलने-फिरने में भी असमर्थ थीं। डॉक्टरों की एक टीम उनका इलाज कर रही थी, लेकिन वे इतनी कमजोर हो गई थीं कि ऑक्सीजन सपोर्ट के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका।
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गौरतलब है कि बीते दो वर्ष से सुनीता डायलीसिस पर जीवित थीं. इस बीच वह हर किसी से एक किडनी लगवाने की गुहार करती रही, लेकिन बेरहम सिस्टम के आगे इस गरीब की एक नहीं सुनी गई. वहीं, SKMCH में दो साल से भर्ती सुनीता की एक सप्ताह पहले तबीयत अधिक बिगड़ गई और आज SKMCH के इमरजेंसी वार्ड में उसकी मौत हो गई.वर्ष 2022 में 11 जुलाई को सकरा थाना क्षेत्र के बाजी राउत गांव की 35 वर्षीय सुनीता देवी के पेट में दर्द हुआ तो इलाज के लिए उसे डॉक्टर पवन कुमार के क्लिनिक लाया गया. डॉक्टर ने उसे गर्भाशय निकलने के लिए ऑपरेशन की सलाह दी. बरियारपुर स्थित शुभकांत क्लिनिक में 3 सितंबर 2022 को सुनीता के गर्भाशय का ऑपरेशन किया गया था, जो झोलाछाप डॉक्टर पवन कुमार ने किया था. उसने इस ऑपरेशन के लिए 30 हजार रुपए लिए थे.इसके बाद भी जब सुनीता की दिक्कत दूर नहीं हुई और पेट में दर्द होता रहा तो 5 सितंबर को सुनीता की तबीयत खराब होने पर उसे श्रीकृष्ण चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल लाया गया. यहां 7 सितंबर 2022 को जांच के बाद पता चला कि उसकी दोनों किडनी निकाल ली गई है. इसके बाद उसकी मां ने सकरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसपर कार्रवाई भी हुई और इस मामले में कोर्ट ने आरोपी डॉक्टर को 7 साल की सजा सुनाई है.

