बिहार के दरभंगा जिले के सुदूर देहात के गांव से पले बढ़े डॉ. रमन ने कहा कि उसने बिहार के ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा को बहुत करीब से देखा है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए काम करना चुनौतीपूर्ण है..ऐसे में बिहार में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की स्थिति अच्छी नहीं है । चूँकि मुझे गाँव से लगाव है इसलिए मैंने अपनी जिंदगी को इसी काम के लिए समर्पित किया है
पटना:पिछले 5 साल से अपने सरकारी वेतन का अधिकांश भाग खर्च कर 201 निःशुल्क ग्रामीण स्वास्थ्य शिविर अयोजित कर बिहार के 30000 ग्रामीणों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुचानें वाले और निःशुल्क दवा वितरण करने वाले ‘गाँव के डॉक्टर’ के नाम से प्रसिद्ध डॉ. रमन किशोर पर ये कहावत बिल्कुल सटीक बैठती है।डॉ. रमन ने अपने एमडी की पढ़ाई एम्स पटना से की है और पिछले 5 साल से रविवार और छुट्टी के दिनों में बिहार के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी टीम के साथ स्वास्थ्य शिविर का आयोजन करते है और निःशुल्क दवा वितरण करते हैं।

आज के समय में जब स्वास्थ्य सेवा का तेजी से व्यावसायीकरण हो रहा है। डॉ. रमन किशोर का प्रयास निश्चित रूप से सराहनीय है। चर्चा के दौरान डॉ. रमन ने कहा कि वो जीवनभर जरूरतमंद के लिए काम करना चाहते हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं को वैसे जरूरतमंद लोग तक पहुंचाना चाहता हूं जो गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा से वंचित है। पिछले पांच साल में किसी भी मरीज से कोई भी पैसा नहीं लिया है और कोशिश है कि अपने जीवन में किसी भी मरीज से 1 रुपये भी ना लूं।

डॉ रमन ने कहा कि अधिकांश लोग अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक नहीं हैं और वे तभी अस्पताल जाते हैं जब बीमारी गंभीर हो जाती है यह उच्च मृत्यु दर और उच्च उपचार लागत का कारण है।हमारी कोशिश है कि गांव में जाकर टेस्ट जैसे ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, ईसीजी, हीमोग्लोबिन के माध्यम से बीमारी का शुरुआती चरण में पता लगा लूं और लोगों को अपनी जीवनशैली में परिवर्तन करने और नियमित दवा का सेवन करने के लिए प्रेरित करें ताकि बीमारी को जानलेवा होने से बचाया जा सके। अभी तक हमने हजारों ऐसे लोगों का पहचान किया है जिनमें बीमारी का लक्षण नहीं होने के कारण उनको ये नहीं पता था कि वो बीमार है और समय रहते उपचार शुरू किया गया है। डॉ. रमन ने इस नेक काम में साथ देने वाले अपनी टीम के लोगो को धन्यवाद किया।

बिहार के दरभंगा जिले के सुदूर देहात के गांव से पले बढ़े डॉ. रमन ने कहा कि उसने बिहार के ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा को बहुत करीब से देखा है। ग्रामीण क्षेत्र के लिए काम करना चुनौतीपूर्ण है..ऐसे में बिहार में ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा की स्थिति अच्छी नहीं है । चूँकि मुझे गाँव से लगाव है इसलिए मैंने अपनी जिंदगी को इसी काम के लिए समर्पित किया है।

