बिहार विधानसभा उपचुनाव 2024 में जनसुराज ने रामगढ़ सीट से अपने प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। जनसुराज के कार्यवाहक अध्यक्ष मनोज भारती ने मंगलवार को कैमूर में पार्टी के उम्मीदवार के रूप में सुशील कुशवाहा के नाम की घोषणा की। सुशील कुशवाहा को एक जमीनी राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा से की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा के प्रत्याशी के तौर पर उन्होंने बक्सर से चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें 80,000 से अधिक वोट मिले और सभी को चौंका दिया। उनके प्रदर्शन के आधार पर मायावती ने उन्हें बसपा का बिहार प्रदेश महासचिव नियुक्त किया, हालांकि अब सुशील बसपा छोड़कर जनसुराज में शामिल हो गए हैं।
प्रशांत किशोर ने सुशील कुशवाहा पर विश्वास जताते हुए उन्हें रामगढ़ से विधानसभा उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया है। बिहार में इस समय चार सीटों पर विधानसभा उपचुनाव हो रहे हैं, जिनमें रामगढ़ के अलावा तरारी, इमामगंज और बेलागंज भी शामिल हैं। इन सभी सीटों पर जनसुराज ने अपने उम्मीदवार उतारे हैं। यह बिहार की राजनीति में पहला अवसर है जब जनसुराज पार्टी आधिकारिक रूप से किसी चुनाव में अपने प्रत्याशी उतार रही है। इस साल 2 अक्टूबर को प्रशांत किशोर ने जनसुराज पार्टी का गठन किया था और चारों सीटों पर उपचुनाव में उम्मीदवार उतारने की घोषणा की थी।
रामगढ़ सीट खाली होने का कारण यह है कि यहां के पूर्व विधायक और राजद नेता सुधाकर सिंह ने बक्सर से लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की, जिससे यह सीट रिक्त हो गई। अब इस उपचुनाव में राजद ने सुधाकर सिंह के भाई और बिहार राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के बेटे अजित सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। भाजपा की ओर से अजय सिंह को प्रत्याशी घोषित किया गया है। जनसुराज द्वारा सुशील कुशवाहा को उम्मीदवार बनाने के बाद अब इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना जताई जा रही है।
चार में से तीन सीटों पर उम्मीदवार किए गए फाइनल
बिहार की चार सीटों पर होने वाले उपचुनाव में पार्टी की ओर से तीन सीटों पर पहले ही प्रत्याशियों के नाम की घोषणा हो चुकी है. बेलागंज से प्रोफेसर खिलाफत हुसैन और इमामगंज से डॉक्टर जितेंद्र पासवान को उम्मीदवार बनाया गया है. बता दें कि तरारी सीट से भी प्रत्याशी के नाम की घोषणा हो गई है लेकिन पेच फंस गया है. पार्टी की ओर से लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिंह को उम्मीदवार बनाया गया है लेकिन उनका नाम बिहार के वोटर लिस्ट में नहीं है. ऐसे में यहां से प्रत्याशी को बदला जा सकता है.बता दें कि उपचुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है. 30 अक्टूबर तक नाम वापस लिए जा सकते हैं. 13 नवंबर को वोटिंग होगी. 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. इस चुनाव में देखना होगा कि प्रशांत किशोर की पार्टी कैसा प्रदर्शन करती है.

