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थानेदार के खिलाफ राज्य के सभी CO ने खोला मोर्चा

Patna:बिहार के सभी अंचलाधिकारियों (सीओ) ने थानों में आयोजित जनता दरबार का बहिष्कार करने और थाना संबंधी प्रशासनिक कार्यों के लिए थाने नहीं जाने का फैसला लिया है। यह कदम सीतामढ़ी जिले के परिहार अंचल में घटी एक गंभीर घटना के विरोध में उठाया गया है। इस घटना में परिहार अंचल की महिला अंचलाधिकारी, मोनी कुमारी, को थानाध्यक्ष द्वारा अपमानित करने, जबरन बंद करने और अमर्यादित व्यवहार करने का आरोप है।

घटना का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें महिला अधिकारी रोते और गिड़गिड़ाते हुए दिख रही हैं। इसे अंचलाधिकारियों ने न केवल एक महिला अधिकारी के सम्मान पर आघात माना है, बल्कि इसे पुलिस की मनमानी और अंचलाधिकारियों की गरिमा के खिलाफ बताया है।

क्या है मामला?
बिहार राजस्व सेवा संघ (बिरसा) के अनुसार, 30 नवंबर 2024 को परिहार थानाध्यक्ष ने अंचलाधिकारी के साथ दुर्व्यवहार किया। आरोप है कि थानाध्यक्ष ने महिला अधिकारी को गाली-गलौज की, उनके साथ मारपीट की, और उन्हें अवैध रूप से बंधक बनाकर रखा। यह घटना तब हुई जब अंचलाधिकारी राज्य सरकार की महत्वपूर्ण पहल “थाना-जनता दरबार” में भाग लेने के लिए थाने में मौजूद थीं।अंचल कार्यालय परिहार द्वारा जारी पत्र के अनुसार, भूमि विवाद संबंधी मामलों की सुनवाई के दौरान थानाध्यक्ष ने शराब निषेध अभियान के तहत शराब विनष्ट करने पर चर्चा की। जब अंचलाधिकारी ने अपने कार्य क्षेत्र के तहत अन्य थाने में जनता दरबार में जाने की बात कही, तो थानाध्यक्ष ने हिंसक और अमर्यादित प्रतिक्रिया दी।महिला अधिकारी पर बल प्रयोग करते हुए, उन्हें घसीटकर एक कमरे में बंद कर दिया गया। यह घटना महिला सशक्तिकरण और कानून के शासन के उद्देश्य पर गंभीर सवाल खड़ा करती है।

बिरसा का विरोध और निर्णय
इस घटना को अंचलाधिकारियों ने अपने सम्मान और सुरक्षा पर गहरी चोट बताया है। बिहार राजस्व सेवा संघ ने कहा है कि जब तक आरोपी थानाध्यक्ष के खिलाफ कठोर कार्रवाई नहीं होती, तब तक:
– संघ के सदस्य थानों में आयोजित जनता दरबार और अन्य प्रशासनिक कार्यों का बहिष्कार करेंगे।
– भूमि विवादों की सुनवाई और निष्पादन का कार्य प्रखंड-सह-अंचल कार्यालय परिसर से किया जाएगा।

संघ ने यह भी कहा कि इस घटना से अंचलाधिकारियों के बीच असुरक्षा की भावना पैदा हुई है। सम्मानित अधिकारियों को थानों में अपेक्षित सहयोग और सम्मान न मिलने के कारण यह कदम उठाया गया है।

बिहार सरकार के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव को इस घटना की जानकारी दी गई है, और आरोपी थानाध्यक्ष के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की गई है। संघ ने स्पष्ट किया है कि ठोस कार्रवाई होने तक उनका विरोध जारी रहेगा।

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