नई दिल्ली: देश के प्रमुख उद्योगपति गौतम अडानी ने भारतीय सीमेंट बाजार में अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन इस क्षेत्र के अग्रणी खिलाड़ी ने ऐसा कदम उठाया कि उनकी योजना मुश्किल में पड़ गई। हाल ही में अडानी समूह ने सीमेंट बाजार में अपनी पकड़ बढ़ाने के लिए एक कंपनी का अधिग्रहण किया था। लेकिन इससे पहले कि यह रणनीति कोई प्रभाव डाल पाती, अल्ट्राटेक सीमेंट ने एक बड़ा दांव खेलते हुए स्टार सीमेंट में हिस्सेदारी खरीदने की घोषणा कर दी, जिससे बाजार की प्रतिस्पर्धा और दिलचस्प हो गई है।
अल्ट्राटेक का बड़ा कदम
भारत के सीमेंट उद्योग में वर्तमान में अल्ट्राटेक सीमेंट सबसे बड़ी कंपनी है, जिसका आधे से अधिक बाजार पर प्रभुत्व है। गौतम अडानी ने कई सीमेंट कंपनियों का अधिग्रहण कर इस क्षेत्र में दूसरे स्थान पर जगह बना ली है। लेकिन शीर्ष स्थान पर पहुंचने के लिए उन्हें अल्ट्राटेक से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।ताजा जानकारी के मुताबिक, अल्ट्राटेक ने मेघालय की स्टार सीमेंट के प्रवर्तकों से 8.69% अल्पांश हिस्सेदारी खरीदने का फैसला किया है। यह सौदा 851 करोड़ रुपये का होगा। सूत्रों के अनुसार, यह हिस्सेदारी स्टार सीमेंट के प्रवर्तक राजेंद्र चमरिया और उनके परिवार से खरीदी जाएगी।
प्रवर्तकों की भूमिका
राजेंद्र चमरिया और उनके परिवार की हिस्सेदारी बेचने की खबर है, जबकि स्टार सीमेंट के अन्य प्रवर्तक, जो सेंचुरी प्लाई का संचालन करते हैं, ने अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोई योजना नहीं जताई है। मौजूदा आंकड़ों के अनुसार, चमरिया परिवार की कुल हिस्सेदारी लगभग 11.25% है। यह भी बताया जा रहा है कि परिवार धीरे-धीरे अपनी हिस्सेदारी बेचने की प्रक्रिया में है।
सौदे का विवरण
अल्ट्राटेक के निदेशक मंडल ने अपनी बैठक में 3.70 करोड़ शेयरों तक गैर-नियंत्रक अल्पांश हिस्सेदारी के अधिग्रहण को मंजूरी दी है। प्रति शेयर कीमत 235 रुपये से अधिक नहीं होगी। इसमें एसटीटी, स्टांप शुल्क और अन्य शुल्क शामिल नहीं होंगे। कंपनी का कहना है कि यह अधिग्रहण 851 करोड़ रुपये से अधिक का नहीं होगा।
अल्ट्राटेक की रणनीति
अल्ट्राटेक ने हाल ही में इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड में नियंत्रक हिस्सेदारी का अधिग्रहण पूरा किया है, जिससे वह दक्षिण भारत के बाजार में अपनी स्थिति मजबूत कर चुकी है। स्टार सीमेंट में हिस्सेदारी खरीदकर अल्ट्राटेक पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, और बिहार के तेजी से बढ़ते बाजारों में अपनी पहुंच को और विस्तार देने की योजना बना रही है।यह घटनाक्रम भारतीय सीमेंट उद्योग में प्रतिस्पर्धा को और अधिक रोचक बना देगा, जहां दो दिग्गज खिलाड़ी अपनी-अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए आक्रामक रणनीतियां अपना रहे हैं।

