पटना के गर्दनीबाग धरना स्थल पर बीपीएससी अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। यह सत्याग्रह अब छठे दिन में प्रवेश कर चुका है, जहां हजारों अभ्यर्थी अपने हक की लड़ाई में जुटे हुए हैं। कई अभ्यर्थी आमरण अनशन पर बैठे हैं, जिनकी सेहत लगातार बिगड़ती जा रही है।
आमरण अनशन कर रहे छात्रों में से कई की तबीयत गंभीर हो गई है। बीते दिन डॉक्टरों की टीम ने धरना स्थल पर पहुंचकर उनका इलाज करने की कोशिश की। रात में भी डॉक्टरों ने अनशनकारियों की जांच की और कुछ को पानी चढ़ाने की सलाह दी। हालांकि, अभ्यर्थियों ने उपचार लेने से इनकार करते हुए अपनी मांगों पर अडिग रहने का संकल्प जताया।
अभ्यर्थियों का स्पष्ट कहना है कि बीपीएससी को परीक्षा रद्द करने का नोटिस जारी करना चाहिए। उनका दावा है कि अगर यह लड़ाई वे हार गए, तो भविष्य में कोई भी छात्र अपने अधिकार के लिए आवाज उठाने की हिम्मत नहीं करेगा। प्रदर्शनकारी कहते हैं, “हमारा प्राण छूट जाएगा, लेकिन हौसला नहीं टूटेगा।”अभ्यर्थियों को भरोसा है कि मुख्यमंत्री उनकी समस्याओं का समाधान करेंगे और न्याय सुनिश्चित करेंगे। यह आंदोलन बीपीएससी परीक्षा में हुई अनियमितताओं के खिलाफ है, जिसमें 121 अभ्यर्थी विशेष रूप से सक्रिय हैं।
70वीं बीपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा 13 दिसंबर को आयोजित की गई थी, जिसमें 912 केंद्रों पर परीक्षा हुई। हालांकि, पटना के बापू परीक्षा केंद्र पर पेपर लीक का आरोप लगाते हुए छात्रों ने हंगामा किया। परीक्षा के दौरान अभ्यर्थियों ने एग्जामिनर के हाथ से प्रश्न पत्र छीनने जैसी घटनाएं भी सामने आईं।बीपीएससी ने बापू परीक्षा केंद्र की परीक्षा को रद्द कर दिया और वहां के अभ्यर्थियों के लिए 4 जनवरी को फिर से परीक्षा आयोजित करने की घोषणा की। जबकि आयोग का दावा है कि बाकी 911 केंद्रों पर परीक्षा शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई।
अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा में गड़बड़ियों के चलते पूरी 70वीं बीपीएससी परीक्षा को रद्द किया जाना चाहिए। उनका मानना है कि यह उनके भविष्य का सवाल है, और वे आंदोलन को हर हाल में सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।अभ्यर्थियों का यह संघर्ष सरकार और आयोग के सामने एक गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है कि उनकी मांगों पर ध्यान देकर निष्पक्षता सुनिश्चित की जाए।

